राष्ट्रीय

विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर त्रिपक्षीय चुनावी गठबंधन पर चर्चा

 लोकसभा चुनावों के लिए सियासी दलों ने तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं गठबंधन के साथी तलाशे जा रहे हैं नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो चुकी है वहीं अब एनडीए का एक अन्य दल भी वापसी के लिए आतुर है इसी क्रम में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर त्रिपक्षीय चुनावी गठबंधन पर चर्चा करने के लिए बुधवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपीनड्डा से मुलाकात की

बीजेपी भी गठबंधन के लिए तैयार- सूत्र

सूत्रों ने बोला कि टीडीपी अध्यक्ष चुनावों से पहले भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं और वहीं भाजपा के भी कई नेताओं का मानना ​​है कि नायडू के साथ साझेदारी से एनडीए को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी शासित राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने में सहायता मिलेगी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बोला कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है लेकिन यह सब इस पर निर्भर करेगा कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टीडीपी कितनी सीटें देने पर सहमत होती है, खासकर लोकसभा चुनावों के लिए

TDP साल 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी

हालांकि अभी गठबंधन की वार्ता शुरुआती दौर में है लेकिन यदि नायडू एनडीए में वापस लौटते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत करने में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की यह दूसरी कामयाबी होगी हाल ही में जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष से नाता तोड़ लिया और भाजपा से हाथ मिला लिया था बता दें कि TDP साल 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी, जिसके बाद उसने 2019 का चुनाव अकेले लड़ा था और बुरी तरह से हार मिली थी

नायडू के अमित शाह से पिछले वर्ष भी हुई थी मुलाकात

इन चुनावों में हार के बाद से ही टीडीपी ने एनडीए के साथ आने की प्रयास दोबारा प्रारम्भ कर दी थी पिछले वर्ष जून में चंद्रबाबू नायडू ने अमित शाह और नड्डा से मुलाकात की थी इस बैठक से दोनों दलों के गठबंधन को पुनर्जीवित करने की अटकलें तेज हो गई थीं , क्योंकि 2018 में टीडीपी के एनडीए से बाहर निकलने के बाद यह अमित शाह के साथ नायडू की पहली मुलाकात थी हालांकि, भाजपा नायडू के प्रस्तावों के प्रति उदासीन थी, क्योंकि वाईएसआरसीपी ने मोदी गवर्नमेंट के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे थे और कई प्रमुख विधेयकों को पारित करने में संसद में उसका समर्थन किया था

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