बिजली कर्मियों की हड़ताल से पीएम मोदी और सीएम योगी को उठाना पड़ा दिक्कतों का सामना

Electricity Workers Strike: उत्तर प्रदेश (UP) में पूरब से पश्चिम तक हाहाकार मचा है। बिजली कर्मियों की स्ट्राइक (Electricity Workers Strike) की वजह से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की काशी से लेकर मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Adityanath) के गोरखपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा-गाजियाबाद के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दरअसल यूपी में बिजली संकट की मार यहां के निवासी झेल रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow power crisis) से लेकर पूरे प्रदेश का हाल-बेहाल है। रविवार को बिजली संकट (UP Bijli Sankat) का तीसरा दिन है।
लखनऊ से नोएडा तक बिजली संकट
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन लगाताक तेज हो रहा है। इस बीच मोदी की काशी में भी घंटों बिजली गुल रही तो पानी को तरसे लोगों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया। बिजलीकर्मियों की स्ट्राइक से कठिनाई जारी है। ग्रामीण इलाकों में भी लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं, हालात ये हो गए हैं कि उत्तर प्रदेश के कई बिजली उपकेंद्र पुलिस चौकियों में परिवर्तित हो गए हैं।
यूपी के इन जिलों में हालात बदतर
योगी गवर्नमेंट से बिजलीविभाग के कर्मचारियों की वार्ता विफल होने से स्ट्राइक जारी है। ये लोग FIR और निलंबन के बावजूद समझौते को राजी नहीं हैं। लखनऊ में लोग दिनभर परेशान रहे। कई स्थान फॉल्ट की परेशानी दूर नहीं हुई और लोग उपकेंद्रों के चक्कर लगाते रहे। गाजियाबाद के वसुंधरा, वैशाली और इंदिरापुरम में भी कई घंटों की बिजली कटौती हुई। नोएडा के कई इलाकों में बिजली लगातार आती-जाती रही। कई शहरों में सुबह पानी नहीं आया क्योंकि लाइट नहीं रहने की वजह से पानी टंकी में चढ़ नहीं पाया।
प्रयागराज में आधा शहर अंधेरे (Prayagraj electricity cut) में डूबा रहा। वाराणसी (Varanasi electricity cut) में भी जनता अंधेरे में डूबी रही। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने का पानी तिगुने मूल्य में मिला। सीतापुर (Sitapur) में 42 उपकेंद्र बंद रहने से लाखों की जनता अंधेरे में रही। बलिया (Balia Power Cut) से लेकर बहराइच के सैकड़ों गांव और शहरी क्षेत्र बिजली संकट का शिकार रहे। कई गांवों में आज भी बिजली नहीं आई है।
सामान्य नहीं हुए हालात
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के स्तर से स्थिति को कंट्रोल करने की प्रयास की हालांकि, इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला। कई जगहों पर लोगों को अभी भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।