किसानों पर लाठीचार्ज के खिलाफ किसान संगठनों का फूटा गुस्सा
Farmer Protest 2.0: किसानों की दिल्ली चलो मार्च को बॉर्डर पर रोकने और किसानों पर लाठीचार्ज के विरुद्ध किसान संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा है। आंसू गैस छोड़ने के विरोध में पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्रहा ने कल रेलवे ट्रैक जाम करने का घोषणा किया है। किसान संगठनों ने बोला है कि कल यानी गुरुवार को 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली घुसने की किसानों को प्रयास को पुलिस ने रोक दिया है। शंभू और टिकरी बॉर्डर में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आंदोलन को उग्र होता देख पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी।
आंदोलन को लेकर किसान संगठनों ने की बैठक
किसान अपने मार्च को लेकर दिल्ली जाने के लिए आमादा हैं। बॉर्डर पर उनका जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प भी हुई हैं। पुलिस ने किसानों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया जिसके बाद किसानों ने उग्र प्रदर्शन शुरु कर दिया। किसानों ने बैरिकेड को भी जबरन हटा दिया। इसके बाद किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज भी किया। इसको लेकर किसान संगठनों ने बैठक की।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से की अपील
अपनी मांगों को लेकर किसानों के जारी आंदोलन के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बोला है कि मैं विभिन्न किसान संगठनों के सभी नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि वे योगदान करें और संवाद करें ताकि आम लोगों को कठिनाई न हो, गवर्नमेंट इस संबंध में प्रतिबद्ध है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है प्रशासनिक प्रकृति के सभी कार्यों में तेजी लाई जाएगी। लेकिन नए कानून बनाने में अभी बहुत सी बातों पर विचार करना है। आने वाले दिनों में हम किसान संगठनों से चर्चा करना चाहते हैं और कोई भी संभावित निवारण पर विचार करना चाहते हैं।
बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाए सरकार- पंधेर
वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बोला है कि कृषक अपनी मांगों को लेकर केंद्र से वार्ता के लिए आने वाले किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेंगे लेकिन संवाद के लिए सकारात्मक माहौल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाएं। वहीं पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई को लेकर भी केंद्र की निंदा की। उन्होंने बोला कि कई कृषक घायल हो गए हैं। किसान नेता ने बोला कि इसके बावजूद हम नहीं कहेंगे कि हम वार्ता नहीं करना चाहते हैं लेकिन गवर्नमेंट से अपील करते हैं कि सकारात्मक माहौल बनाने के लिए यह सब बंद करें। हम कल भी वार्ता को तैयार थे और आज भी तैयार हैं।