राष्ट्रीय

संसद में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा एक सवाल के कारण किसानों का टूटेगा दिल

 अंतरिम बजट के आने से पहले चर्चा हो रही थी गवर्नमेंट के द्वारा पीएम किसान योजना के अनुसार दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 12 हजार रुपये तक किया जा सकता है हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बजट में इसपर कोई घोषणा नहीं की गयी अब संसद में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा एक प्रश्न के कारण किसानों का दिल टूट सकता है

  • पीएम किसान योजना की राशि बढ़ाने पर पूछे प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री ने बोला कि कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है
  • उन्होंने संसद को कहा कि पिछले कृषि सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 14 करोड़ भूमि-स्वामी किसानों में से 86 फीसदी के पास 5 हेक्टेयर से कम भूमि है
  • किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे से योजना का फायदा बिचौलियों की भागीदारी के बिना देशभर के सभी किसानों तक पहुंचा है

योजना का फायदा लेने वालों की संख्या कमी

भारत गवर्नमेंट की तरफ से संसद को कहा कि पीएम-किसान के अनुसार लाभार्थियों की संख्या पिछले वर्ष के 10.73 करोड़ से 2023-24 में 14 फीसदी गिरकर 9.21 करोड़ हो गई है यदि लाभार्थियों की आखिरी संख्या 9.5 करोड़ के भीतर समाहित है, तो ₹6,000/वर्ष की वर्तमान संवितरण रेट पर वार्षिक व्यय लगभग ₹57,000 करोड़ हो सकता है गवर्नमेंट ने FY25 के लिए पीएम-किसान के अनुसार ₹60,000 करोड़ का आवंटन किया है किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के द्वारा पैसा सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाता है कृषि मंत्री ने लोकसभा में बोला कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने अब तक 15 किश्तों में 11 करोड़ से अधिक किसानों को ₹2.81 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान किया है

पंजाब में सबसे अधिक घटे पीएम किसान से जुड़े लाभुक

केंद्र गवर्नमेंट ने कहा कि पीएम किसान योजना से जुड़े किसानों की संख्या में बड़ी कमी आयी है इसमें सबसे अधिक कमी पंजाब में देखने को मिली यहां पहले लाभुकों की संख्या में 45 फीसदी तक कम हुई है वित्त साल 2022-23 में किसानों की संख्या 17,07,726 थी, जो वित्त साल 2023-2024 में सिर्फ़ 9,33,728 रह गयी है इसके साथ ही, तमिलनाडु में 30.8 फीसदी और झारखंड में 30.4 फीसदी लाभुकों की संख्या में कमी आयी है जबकि, गुजरात में 18.7 प्रतिशत, यूपी में 16.5 प्रतिशत, राजस्थान में 15.5 फीसदी और महाराष्ट्र में 11.5 फीसदी लाभुक किसानों की संख्या कम हुई है इस बारे में एक आधिकारिक सूत्रों का बोलना है कि संख्या में कटौती नहीं हुई है, बल्कि गैर-योग्य लाभार्थियों को बाहर करने के साथ-साथ आधार प्रमाणीकरण जरूरी किए जाने के बाद किसी भी दोहराव को कम करने के बाद असली लाभार्थियों पर काम किया गया है

Related Articles

Back to top button