भारत में पहली बार महिला अधिकारी बनी कमांडिग ऑफिसर
मेडिकल कोर की अधिकारी कर्नल सुनीता सशस्त्र बल रक्त-संचार केन्द्र, दिल्ली कैंट की पहली स्त्री कमांडिग ऑफिसर बनी हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इससे पहले उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में रणनीतिक तौर पर जरूरी फील्ड हास्पिटल में कमांडिग ऑफिसर की चुनौतीपूर्ण किरदार को भली–भाँति निभाया। यहां उन्होंने युद्ध क्षेत्र की सबसे बेहतर संभावित चिकित्सा सहायता मौजूद कराईं। रोहतक के स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान संस्थान से स्नातक, कर्नल सुनीता बीमारी विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमडी और डीएनबी) डिग्री धारक हैं।
वर्तमान में कर्नल सुनीता को सशस्त्र बलों के सबसे बड़े रक्त संचार केन्द्र, आम्र्ड फोर्सेस ट्रांसफ्यूजन सेंटर (एएफटीसी), का प्रबंधन संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।इसमें स्टेम सेल क्रायोपरेजरवेशन, पूरी तरह से स्वचलित इम्यून-हेमाटोलाॅजी विश्लेषक, गामा इररेडियेशन चैंबर और न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (एनएटी) क्षमताओं सहित ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधायें मौजूद हैं।
रक्षा मंत्रालय का बोलना है कि एएफटीसी राष्ट्र में पहला और एकमात्र लाइसेंस प्राप्त केन्द्र है जिसमें फ्रोजन रेडसेल रखने की सुविधा है। मंत्रालय के अनुसार शैक्षणिक, प्रशासनिक और पेशेवर कौशल क्षेत्र की योग्यतायें कर्नल सुनीता की वर्तमान किरदार के लिए जरूरी हैं। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक (डीजीएएफएमएस) ले। जनरल दलजीत सिंह ने कर्नल सुनीता बीएस को उनकी इस नयी नियुक्ति के लिये शुभकामना दी और भविष्य में उन्हें और उपलब्धियां मिलें ऐसी कामना की।