बिहार के पूर्व सीएम और उनके परिवार को लैंड फॉर जॉब केस में मिली बड़ी राहत
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार को लैंड फॉर नौकरी मुकदमा में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू न्यायालय ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दे दी है। लालू, राबड़ी सहित लैंड फॉर नौकरी मुकदमा के 6 अपराधियों ने जमानत के लिए न्यायालय में अर्जी दी थी। इसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने सभी 6 अपराधियों को जमानत दे दी है।
लैंड फॉर नौकरी घोटाले के मुद्दे में सीबीआई ने इसी साल 18 मई को केस दर्ज किया था। दरअसल, इल्जाम है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को जॉब देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। 3 जुलाई को सीबीआई ने इस मुद्दे में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। तब सीबीआई ने न्यायालय को कहा था कि उसे गृह मंत्रालय से लालू यादव सहित अन्य अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की इजाजत मिल गई है। इस चार्जशीट में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम आया था। सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी सहित इस मुद्दे में 16 व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। इनमें रेलवे के आरोपी अफसरों और जॉब लेने वालों के नाम भी सम्मिलित हैं।
बता दे कि लैंड फॉर नौकरी स्कैम का यह मुकदमा 14 साल पुराना है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को जॉब देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। बता दे कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। इस मुद्दे में सीबीआई ने 18 मई को मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया तथा जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई का बोलना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1।05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के अनुसार, ये जमीनें बहुत कम कीमतों में बेच दी गई थीं।