इस जगह का गंगा जल अयोध्या के लिए हुआ रवाना
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देशभर में तैयारियां चल रही हैं। किसी राज्य से मिट्टी तो किसी राज्य से फूल भेजा जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को उत्तराखंड के हरिद्वार से हजारों कलशों में गंगा जल भर कर रवाना किया गया। खास बात यह है कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं श्रीराम के बालस्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के लिए हरिद्वार के हरकीपैड़ी ब्रह्मकुंड से कलशों में गंगा जल अयोध्या के लिए रवाना किया। धामी इसके लिए सोमवार को ही हरकीपैड़ी पहुंच गए थे। धामी ने मां गंगा की पूर्जा अर्चना कर फिर मंत्रोच्चारण के बीच मां गंगा का पवित्र जल अयोध्या के लिए रवाना किया।
इस दौरान पूरा हरकीपैड़ी राम मय नजर आ रहा था, बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा में भाग लिया। इस दौरान आकाश से हेलिकॉप्टर के द्वारा पुष्पवर्षा की गई। कई घंटों तक पूरा हरकीपैड़ी क्षेत्र जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान हो रहा था। इस मौके पर क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ मकर संक्रांति के लिए गंगा स्नान करने आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।
ब्रह्मकुंड के गंगा जल से होगा अभिषेक
ब्रह्मकुंड घाट को लेकर भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। सबसे पहले राजा श्वेत द्वारा ब्रह्माजी को तपस्या से प्रसन्न कर यहां विराजमान होने के लिए वर मांगा गया, जिसमें सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी यहां पर विराजमान हुए और इस कारण इसका नाम ब्रह्मकुंड घाट हुआ। वहीं, दूसरी मान्यता है कि भगीरथ द्वारा घोर तपस्या की गई, जिसमें मां गंगा ईश्वर विष्णु के चरणों से ब्रह्मा के कमंडल, कमंडल से ईश्वर शिव की जटाओं और उनकी जटाओं से धरती लोक पर पहाड़ियों से होते हुए सबसे पहले मैदानी क्षेत्र हरिद्वार में आई थी। एक अन्य मान्यता यह है कि यहां देव-दानवों में समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश के लिए युद्ध हुआ, जिसमें से अमृत की बूंदें छलक कर सबसे पहले हरिद्वार में गिरीं। इस कारण यहां का जल सबसे पवित्र माना जाता है।इधर, 22 जनवरी को होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बोला है कि प्राण-प्रतिष्ठा के दिन कब क्या होगा, इसके लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी हो गई हैं। 22 जनवरी दोपहर 12. 20 मिनट पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। इसके लिए 21 जनवरी से ही पूजा का कार्यक्रम प्रारम्भ हो जाएगा।