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स्वामी विवेकानंद जयंती पर दें यह सरल और शानदार भाषण

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर प्रत्येक साल 12 जनवरी को उनके विचारों और आदर्शों के सम्मान में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है आध्यात्मिक गुरु एवं पश्चिम राष्ट्रों में योग, वेदांत और भारतीय दर्शन को पहुंचाने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती को हिंदुस्तान गवर्नमेंट हर वर्ष बड़े स्तर पर मनाती है इस वर्ष केंद्र गवर्नमेंट का राष्ट्रीय युवा महोत्‍सव महाराष्ट्र के नासिक में मनाया जा रहा है पीएम नरेन्‍द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे वे राष्‍ट्र के युवाओं को संबोधित भी करेंगे अनेक सरकारी विभागों के योगदान से जिलों में युवा कार्य विभाग के सभी क्षेत्रीय संगठन राष्ट्रीय युवा दिवस मनाएंगे राष्ट्र के प्रमुख शहरों और सात सौ पचास जिला मुख्यालयों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे इस साल राष्‍ट्रीय युवा महोत्‍सव का विषय है-“2047 तक मेरा हिंदुस्तान विकसित हिंदुस्तान युवाओं द्वारा, युवाओं के लिए“

देश भर के विद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी राष्ट्रीय युवा दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे इस दौरान युवाओं की भागीदारी के साथ बड़ी संख्या में गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी यदि इनमें आप भाषण या निबंध प्रतियोगिता होती है तो आप यहां से उदाहरण ले सकते हैं

यहां मौजूद प्रिंसिपल महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों आप सभी को मेरा प्रणाम

आज हम यहां महान चिंतक, दार्शनिक, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और एक आदर्श चरित्र के अमीर स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाने के जुटे हैं मैं हिंदुस्तान के महान आध्यात्मिक गुरु को नमन करता हूं और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं साथियों! आज राष्ट्र में स्वामी विवेकानंद की जयंती के साथ साथ राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जा रहा है दरअसल स्वामी विवेकानंद के विचारों, उनकी दी गईं शिक्षाओं से करोड़ों युवा प्रेरित होते हैं स्वामी विवेकानंद की कही गई बातें युवाओं में जोश भरने का काम करती हैं विवेकानंद की ओजस्वी वाणी, ओजपूर्ण विचारों ने सुप्त लोगों को जागृत किया उनकी युवावस्था राष्ट्र के हर युवा के लिए एक बेहतरीन मिसाल है यही वजह है उनके जन्मदिन को राष्ट्र में युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने करीब 38 वर्ष पहले उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाना प्रारम्भ किया वर्ष 1985 में हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने स्वामी जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया था

एक समृद्ध परिवार में जन्मे स्वामी विवेकानंद बचपन से ही काफी कुशाग्र बुद्धि वाले और जिज्ञासु थे उनके शिक्षक भी उनकी हाजिरजवाबी के प्रशंसक थे लेकिन वह परमेश्वर की प्राप्ति के लिए काफी लालायित रहते थे ईश्वर को जानने के लिए वह काफी उत्सुक रहते थे बोला जाता है जब माता-पिता ने उनसे शादी करने के लिए बोला तो उन्होंने उत्तर दिया कि वे ईश्वर को खोज रहे हैं, पत्नी को नहीं रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ता चला गया वे श्रीरामकृष्ण परमहंस के प्रिय शिष्य थे श्री रामकृष्ण को अपना आध्यात्मिक गुरु मानने के बाद वह स्वामी विवेकानंद कहे जाने लगे वे ऊर्जा की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात किया श्रीरामकृष्ण परमहंस की महासमाधि के बाद स्वामी विवेकानंद ने पूरे हिंदुस्तान की यात्रा की

स्वामी विवेकानंद ने ही वेदांत और भारतीय दर्शन का प्रचार प्रसार उस समय किया, जब पश्चिमी राष्ट्रों की नजर में हिंदुस्तान एक असभ्य राष्ट्र था उन्होंने हिंदुस्तान के अध्यात्मवाद से दुनिया को परिचित कराया और हिंदुस्तान का मस्तक विदेशों में ऊंचा किया पश्चिमी राष्ट्रों को वेदांत और भारतीय दर्शन के बारे में बताने के लिए उन्होंने अमेरिका की धर्म संसद में भाग लिया वर्ष 1893 में शिकागो की धर्म सभा में उनके भाषण दुनिया को हिलाकर रख दिया स्वामी विवेकानंद ने अपना भाषण ‘अमेरिका के भाईयों और बहनों’ के संबोधन से प्रारम्भ किया तो पूरे दो मिनट तक सदन तालियों की आवाज से गूंजता रहा उस दिन से हिंदुस्तान और भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में पहचान मिली केवल 30 वर्ष के विवेकानंद ने हिंदुत्व के नजरिए से दुनिया को भाइचारे का पाठ पढ़ाया था इस युवा संन्यासी के धर्म संसद में दिए गए भाषण से पूरी दुनिया मंत्र मुग्ध हो गई थी

स्वामी विवेकानंद के मन में डर एकदम नहीं था वे बंधनों से पूरी तरह मुक्त थे वे कहते थे कि मेरे बच्चों, हमें चाहिए लोहे जैसी मांसपेशियां और फौलाद जैसा स्नायु जिसमें वज्र सा मन निवास करे स्वामी जी कहते थे कि ‘उठो और जागो और तब तक रुको नहीं, जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते

साथियों, आज युवा दिवस के मौके पर हम सभी न केवल उन्हें याद कर श्रद्धांजिल दें, बल्कि हम उनके दिए ज्ञान, बातों, सीखों और चरित्र के एक छोटे से हिस्से को अपने जीवन में  भी उतारें और विकसित हिंदुस्तान के लिये सहयोग दें उनके जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेकर युवा राष्ट्र के नव निर्माण में भागीदार बनें

अंत में आप सभी का धन्यवाद करता चाहता हूं कि आप सभी ने मुझे इस मंच से महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर दिया जय हिन्द जय भारत

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