भारतीय पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी, मलेशियाई राष्ट्रपति अनवर इब्राहिम ने भारतीयों के लिए फ्री कर दिया वीजा
भारतीय पर्यटकों के लिए एक बहुत ही बड़ी अच्छी-खबर है। दक्षिण पूर्वी एशिया का राष्ट्र मलेशिया अब हिंदुस्तानियों को निःशुल्क वीजा दे रहा है। मलेशियाई राष्ट्रपति अनवर इब्राहिम ने वर्ल्ड टूरिज़म डे के दिन इस बात की घोषणा की है। इससे पहले श्रीलंका और थाईलैंड ने भी भरतीयों के लिए वीजा फ्री कर दिया था। 1 दिसंबर से भारतीय नागरिक 30 दिनों तक मलेशिया में वीजा फ्री रह सकते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं आप मलेशिया के किन राष्ट्रों में घूम सकते हैं। मलेशिया हिंदुस्तान की तरह ही एक एक विविधताओं से भरा हुआ राष्ट्र है, यहां के लोगों में आपको भिन्न भिन्न सांस्कृतिक कल्चर और रंग दिखाई देंगे। यहाँ वर्ष के बारह महीने खूब सारे फेस्टिवल चलते रहते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आप मलेशिया के इन प्रसिद्ध जगहों पर घूमने जा सकते हैं
मलेशिया में ये जगहें हैं घूमने लायक
मलेशिया में बाटू गुफाएं, कोटा किनाबालु, कुआलालंपुर, लैंगकॉवी, जेंटिंग हाइलैंड्स, जैसी जगहें बहुत प्रसिद्ध हैं। घूमने जाते समय आप मलेशिया के इन प्रसिद्ध जगहों पर घूमने ज़रूर जाएं।
कुआलालंपुर
मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर की रौनक देखते ही बनती है। यहां की इमारतें, सड़कें और पेड़ तक लाइटों से जगमग करते हैं इसलिए यह शहर ‘रोशनी का शहर’ भी कहलाता है। यहां आने पर आप ट्विन टॉवर ज़रूर जाएँ। कुआलालंपुर में एक दर्जन से भी अधिक गोल्फ कोर्स हैं।
जेंटिंग हाइलैंड्स
जेंटिंग हाइलैंड्स एक हिल स्टेशन है जो मलेशिया में माउंट उलु काली की चोटी पर 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यदि आप बेहतरीन होटल, कैसीनो, शॉपिंग मॉल और स्काईवर्ल्ड थीम पार्क जाना पसंद करते हैं तो ये स्थान केवल आपके लिए है।
कोटा किनाबालु
कोटा किनाबालु का नाम माउंट किनाबालु के नाम पर रखा गया है। यह स्थान अपने खूबसूरत शहर, पहाड़ और द्वीपों के लिए जाना जाता है। साथ ही यह स्थान रेशम की साड़ियों, डोरिया साड़ियों, सोने के आभूषणों और मशहूर कोटा पत्थर के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
बाटू गुफाएँ:
मलेशिया के गोम्बैक जिले में स्थित एक चूना पत्थर की पहाड़ी है जिसमें कई गुफाएं और हिंदू मंदिर हैं। एंट्री करते ही हिंदू ईश्वर की बड़ी सी मूर्ति दिखती है जो इसका प्रमुख आकर्षण है। यह पहाड़ी मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से 13 किलोमीटर दूर है। इसका यह नाम इसे पहाड़ी के पीछे बहने वाली बाटू नदी से मिला है, इसके साथ ही पास के एक गाँव का नाम भी बाटू गुफा है।