राष्ट्रीय

मुझे मंदिर जाने से रोका जा रहा है : राहुल गांधी

भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी असम में उपस्थित हैं. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इल्जाम लगाए कि उन्हें आज मंदिर जाने से रोका जा रहा है. राहुल गांधी ने बोला कि पहले उन्हें मंदिर जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन आज इंकार किया जा रहा है.

मंदिर जाने से रोका जा रहा

राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही हिंदुस्तान जोड़ो इन्साफ यात्रा असम के नागांव जिले में पहुंची हुई है. यहां बताद्रवा थान क्षेत्र में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली है. राहुल गांधी को कार्यक्रम के अनुसार आज शंकरदेव के मंदिर जाना था, लेकिन अब राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया है कि उन्हें आज मंदिर जाने से रोका जा रहा है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था के संकट के बीच सभी वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्म जगह पर जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ़ राहुल गांधी नहीं जा सकता.

आज राहुल गांधी असम के वैष्णव विद्वान श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर पूजा-अर्चना करने के लिए जाने वाले थे, लेकिन जैसे ही वे वहां पहुंचे उन्हें मंदिर जाने से रोक दिया गया. इसके बाद क्या था राहुल गांधी ने वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेताओं और समर्थकों के साथ धरना देने लगे. वहीं, पार्टी सांसद गौरव गोगोई और विधायक शिवमणि बोरा मामले को सुलझाने के लिए बताद्रवा पहुंचे.

शंकरदेव में विश्वास 

गांधी ने बाद पत्रकारों से बोला कि वह भी शंकरदेव में विश्वास रखते हैं. वह उनके दर्शन करना चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘मैं भी लोगों को साथ लाने और नफरत नहीं फैलाने में विश्वास रखता हूं. शंकरदेव हमारे लिए गुरु की तरह हैं. वह हमें दिशा देते हैं. इसलिए हमने सोचा कि जब असम आएंगे तो उनकी प्रार्थना जरूर करेंगे.

मुझे यहां आने के लिए निमंत्रण मिला था

उन्होंने कहा, ‘मुझे यहां आने के लिए 11 जनवरी को निमंत्रण मिला था. पर रविवार को कहा गया कि यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति है.

राहुल ने बोला , ‘यह बहुत आश्चर्य की बात है कि यहां कानून और प्रबंध की स्थिति होने के बावजूद गौरव गोगोई और सभी लोग जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ़ राहुल गांधी नहीं जा सकते.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं नहीं जानता, कुछ कारण हो सकते हैं लेकिन जब मुझे मौका मिलेगा तो मैं बताद्रवा जाऊंगा. मेरा मानना है कि असम और पूरे राष्ट्र को शंकरदेव के दिखाए रास्ते का अनुसरण करना चाहिए.

 

 

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