I-N-D-I-A गठबंधन को लेकर मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस ने…
पटना। नीतीश कुमार को इण्डिया गठबंधन का संयोजक और पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बनाने से लेकर कांग्रेस पार्टी पर अब जदयू खुलकर निशाना साध रहा है। इसके साथ ही सीट बंटवारे पर भी बिहार में पेंच फंसा हुआ है। इसको लेकर नीतीश कुमार के करीबी कहे जाने वाले जदयू नेता और बिहार गवर्नमेंट में मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए बोला कि कांग्रेस पार्टी ने बिग ब्रदर बनने के चक्कर में बड़े मौके को गंवा दिया है।
अशोक चौधरी ने कहा, बिहार में जदयू का बड़ा जनाधार है और नीतीश कुमार जिसके साथ रहे उसका पलड़ा भारी रहा है। हमारी जितनी सीटिंग सीट है उतनी तो रहेगी ही, इससे कम प्रश्न ही नहीं है। अभी तक जदयू का सीटों को लेकर किसी से वार्ता प्रारम्भ नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी से हमें आशा थी कि पांच राज्यों में चुनाव में उसकी जीत होगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी न केवल चुनाव हारी, बल्कि इण्डिया गठबंधन को साथ लेकर चलने में चूक गई।
कांग्रेस को करना होगा त्याग-जदयू
मंत्री ने कहा, इण्डिया गठबंधन का जो शुरुआती दौर में जो महत्व बढ़ा था उससे भाजपा भी घबराई थी, लेकिन आपने अकेले चुनाव लड़कर बिग ब्रदर बनने के चक्कर में उस मौके को छोड़ दिया। अब जो बड़ी पार्टी कांग्रेस पार्टी है यदि किसी बात का श्रेय लेते हैं तो त्याग भी उन्हें ही करना होगा। अशोक चौधरी ने इशारों में नीतीश कुमार को इण्डिया अलायंस का पीएम पद का उम्मीदवार भी बताया।
I-N-D-I-A में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच
गौरतलब है कि इण्डिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बयानबाजियां हो रही हैं। इसको लेकर लगातार कन्फ्यूजन भी बढ़ रहा है। खास तौर पर बिहार में जदयू और कांग्रेस पार्टी का ही स्टैंड क्लियर नहीं है क्योंकि जदयू ने कठोर रुख अपना रखा है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी का बोलना है कि बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर कोई हड़बड़ी नहीं है तो दूसरी तरफ जदयू बार-बार सीट शेयरिंग का मामला उठा रहा है।
I-N-D-I-A में हिस्सेदारी का गड़बड़ गणित
दूसरी ओर जदयू साफ कह रहा है कि शीघ्र ही सीट शेयरिंग कर लेनी चाहिए, क्योंकि पहले ही बहुत देरी हो चुकी है। दरअसल, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में जदयू 16 सिटिंग सीटों के लिए अड़ा हुआ है, इसको लेकर इण्डिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का गणित गड़बड़ा रहा है। शेष बची 24 सीटों में राजद, कांग्रेस पार्टी और तीन वाम दलों की हिस्सेदारी होनी है। खास तौर पर कांग्रेस पार्टी कम से कम 9 सीटों पर दावेदारी कर रही है। ऐसे में मुद्दा सेट नहीं होता दिख रहा है।