इस खेती को अगर किसी ने बिना लाइसेंस का किया तो मादक पदार्थ अधिनियम के तहत होगा मुकदमा दर्ज
Pratapgarh news: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक ऐसी खेती होती है, जिसको करने के लिए किसानों को लाइसेंस लेनी की आवशकता पड़ती है। इस खेती को यदि किसी ने बिना लाइसेंस का किया तो ndps act यानी नशीला पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया जाता है। बिना लाइसेंस का यह बड़ा गुनाह माना जाता है।
लाइसेंस कि आवश्यकता
किसानों को इसकी खेती करने के लिए Licensed Narcotics Department से लाइसेंस लेना पड़ता है। cps पद्धति से किसानों को लाइसेंस मिलता है।
जिला अफीम अधिकारी एलसीपी पंवार ने कहा कि जिले में इसकी खेती के लिए Licensed Narcotics Department से लाइसेंस देने की पूरी कर ली गई है।
इतने किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस
प्रतापगढ़ जिले में 95 गांव के 5119 किसानों को अफीम की खेती के लिए लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। जिसमें cps पद्धति के लगभग 2119 किसान शामिल हैं। लेकिन 3000 किसानों को गम पद्धति का लाइसेंस दिया गया है। जिसके अनुसार किसानों को फसल पर चीरा लगाकर अफीम देनी होती है।
अफीम अधिकारी खंड द्वितीय के तहत 4054 किसानों को License दिया गया, जिसमें 90 गांव शामिल हैं। वहीं cps के अनुसार 843 और गम पद्धति के 3211 किसान को शामिल किया गया है ।
अफीम स्मग्लिंग पर शिकंजा
अफीम का इस्तेमाल मेडिसन में किया जाता है। जिस कारण अफीम काफी महंगी फसल है। जिसकी खरीद केवल Narcotics Department ही करता है , जिस वजह से इस क्षेत्र में इसकी स्मग्लिंग होती है। पुलिस के द्वारा हर रोज अफीम का दूध पौधे पकड़े जाते हैं।