इस बवाल में मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा में तैनात जवानों ने दागे राउंड आंसू गैस के गोले
Manipur Violence Latest Updates: मणिपुर में मैतेई समुदाय के 2 स्टूडेंट्स की बर्बर मर्डर के बाद बिगड़े हालात संभलने में नहीं आ रहे हैं। सुरक्षा प्रतिबंधों और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने गुरुवार रात इंफाल घाटी में सीएम एन बीरेन सिंह के खाली पैतृक घर पर धावा करने की प्रयास की। इसी घर के पास पिछले हफ्ते से प्रदर्शनकारी अपना विरोध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों स्टूडेंट्स जुलाई से लापता थे और पिछले सप्ताह उनके मृतशरीर चुराचांदपुर में एक खाई से बरामद किए गए थे। दोनों की मर्डर गोली मारकर की गई थी।
सुरक्षाकर्मियों ने छोड़े आंसू गैस के गोले
गुरुवार रात हुए इस हंगामा में सीएम आवास की सुरक्षा में तैनात जवानों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। इस त्वरित कार्रवाई की वजह से सुरक्षाकर्मी, उस भीड़ को मुख्यमंत्री आवास से करीब 150 मीटर दूर रोकने में सफल रहे। मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह इंफाल घाटी में ही हाई सिक्योरिटी एरिया में बने सरकारी आवास में रहते हैं।
मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमले के बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, लोगों के दो समूह भिन्न-भिन्न दिशाओं से आए (Manipur Violence Latest Updates) और घर के पास पहुंचे लेकिन उन्हें लगभग 100-150 मीटर दूर ही रोक दिया गया।” ऑफिसरों ने पूरे क्षेत्र में बिजली कनेक्शन बंद कर दिया। साथ ही घर के पास लगे बैरिकेड्स की संख्या और बढ़ा दी गई। मुख्यमंत्री आवास में न घुस पाने पर प्रदर्शनकारियों ने पास की सड़क के बीच में टायर जलाए। मौके के बाद एंबुलेंस को भी मुख्यमंत्री आवास के पास देखा गया हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष के घायल होने की कोई समाचार नहीं है।
इंफाल के 2 जिलों में लगा कर्फ्यू
यह घटना गुरुवार तड़के इंफाल पश्चिम जिले में भीड़ (Manipur Violence Latest Updates) की ओर से उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ करने और दो चार पहिया वाहनों को आग लगाने के बाद हुई। इससे पहले बुधवार को दो जिलों- इंफाल पूर्व और पश्चिम- में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया। इन दोनों जिलों में सुरक्षा बलों ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों का सामना किया था, जिसमें मंगलवार से 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।
वहीं एक आधिकारिक आदेश में बोला गया है कि मणिपुर गवर्नमेंट ने पिछले 2 दिनों में सुरक्षा बलों की ओर से प्रदर्शनकारियों, खासतौर से विद्यार्थियों पर अत्यधिक बल प्रयोग के आरोपों की जांच के लिए गुरुवार को एक कमेटी का गठन किया।
केंद्रीय सुरक्षाबलों के साथ की गई बैठक
इससे पहले मणिपुर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट करके बताया, ‘राज्य में वर्तमान कानून प्रबंध की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सेंट्रल आर्मर्ड पुलिस फोर्स के ऑफिसरों के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विद्यार्थियों और सुरक्षा कर्मियों को लगी दुर्भाग्यपूर्ण चोटों पर चर्चा की गई। ऑफिसरों ने लोगों के विरोध प्रदर्शनों खासकर विद्यार्थियों के मुद्दे में न्यूनतम बल प्रयोग करने के उपायों पर चर्चा की।’
पुलिस ने विद्यार्थियों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति वापस लाने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ योगदान करने की अपील की। पुलिस ने एक्स पर लिखा, ‘मौजूदा स्थिति का लाभ उठाने वाले किसी भी शरारती तत्व से पुलिस कठोरता से निपटेगी।’
कश्मीर के इस जांबाज अधिकारी को बुलाया गया
इन खबरों के बीच कि उग्रवादियों को इंफाल घाटी में खुलेआम घूमते और भीड़ को भड़काते (Manipur Violence Latest Updates) देखा गया है। इस समाचार के बाद जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में तैनात एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर बुलाया गया है। राकेश बलवाल को आतंकवादियों से निपटने के मुद्दे में विशेषज्ञता है। साल 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी के मणिपुर पहुंचने पर उन्हें नयी पोस्टिंग दी जाएगी। वहीं CBI की एक टीम वर्तमान में इस पूर्वोत्तर राज्य में हुई हत्याओं की जांच कर रही है, जहां पर पिछले करीब 5 महीने से जातीय तनाव चल रहा है।
उधर दिल्ली में डेरा डाले हुए मणिपुर के 20 से अधिक विधायकों ने केंद्र गवर्नमेंट से अशांत राज्य में दो स्टूडेंट्स के किडनैपिंग और मर्डर के पीछे के लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है कि CBI जांच में तेजी लाई जाए।
राज्य में जारी है इंटरनेट पर बैन
कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मणिपुर गवर्नमेंट (Manipur Violence Latest Updates) ने मंगलवार को अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया था। मणिपुर में 3 मई से भड़की जातीय अत्याचार में अब तक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और कई सौ लोग घायल हुए हैं। यह अत्याचार तब प्रारम्भ हुई, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया।
3 मई से भड़की हुई है जातीय हिंसा
इस मार्च के दौरान पहाड़ी जिलों में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों के घर जला दिए गए, साथ ही बड़ी संख्या में मैतेई समुदाय के लोगों की मर्डर की गई। इसका प्रतिशोध लेने के लिए मैतेई समुदाय (Manipur Violence Latest Updates) ने भी इंफाल घाटी में रहने वाले कुकी समुदाय के लोगों पर धावा किया। मणिपुर में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 फीसदी हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।