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इसरो ने आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान की शुरू

 

गगनयान मिशन का पहला परीक्षण:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज श्रीहरिकोटा परीक्षण रेंज से गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान प्रारम्भ की इसे पहले रोक दिया गया था लेकिन अब इसरो ने गगनयान मिशन के पहले परीक्षण में पहली सफल परीक्षण उड़ान टीवी-डी1 का संचालन किया है लॉन्च के बाद क्रू एस्केप मॉड्यूल अंतरिक्ष में पहुंच गया और फिर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित रूप से उतर गया<img class="alignnone wp-image-219958" src="https://www.newsexpress24.com/wp-content/uploads/2023/10/newsexpress24.com-gaganyaan-mission-1-news-india-live-latest-india-newsbreaking-news-today-download-png” alt=”” width=”1060″ height=”638″ />

सफल परीक्षण पर इसरो प्रमुख ने कही ये बात

इसरो प्रमुख एस गगनयान की कामयाबी के बारे में बात करते हुए सोमनाथ ने कहा, ‘मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की कामयाबी की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है इसके अतिरिक्त इसरो प्रमुख ने सभी वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं इसरो के गगनयान मिशन की फ्लाइट टीवी-डी-1 का सफल परीक्षण हुआ लॉन्च के बाद क्रू एस्केप मॉड्यूल अंतरिक्ष में पहुंच गया और फिर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित रूप से उतर गया

मिशन कितना जरूरी है?

इसरो का यह मिशन अब तक के सभी मिशनों से बहुत अलग और खास है अब तक हिंदुस्तान द्वारा किए गए सभी अंतरिक्ष अभियान मानवरहित रहे हैं लेकिन इस मिशन में आदमी को स्पेस शटल के जरिए धरती से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा वहां सात दिन बिताने के बाद वह धरती पर लौट आएंगे यह प्रक्रिया बहुत घातक है इसीलिए दुनिया में बहुत कम राष्ट्र हैं जिन्होंने इस प्रकार के अंतरिक्ष मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है

गगनयान मिशन क्या है?

इस मिशन के जरिए इसरो एक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजेगा इसरो का लक्ष्य मनुष्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और ऐसा करने के लिए स्वदेशी क्षमता विकसित करना है इसके लिए बड़ी तैयारी की गई है इसरो का दावा है कि सुरक्षा के लिहाज से इस मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर उपस्थित लाइफ सपोर्ट सिस्टम जैसा ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध कराया जाएगा उनकी सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है मिशन प्रारम्भ करने से पहले कई परीक्षण करके उनकी सुरक्षा की पुष्टि की जाएगी इनमें एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी), पैड एबॉर्ट टेस्ट (पीएटी) और टेस्ट व्हीकल (टीवी) फ्लाइट शामिल हैं इन परीक्षणों के नतीजे ही बताएंगे कि मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने में कितना सक्षम है गगनयान मिशन के निर्माण के लिए इसरो ने डीआरडीओ और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की भी सहायता ली है अगर इसरो किसी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने में सफल हो जाता है तो वह अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा राष्ट्र बन जाएगा

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