भारत की जी20 सम्मेलन के आखिर में किया जायेगा संयुक्त घोषणा पत्र जारी
नई दिल्ली: हिंदुस्तान ने शनिवार को जी20 राष्ट्रों को, संयुक्त घोषणा पत्र के संबंध में यूक्रेन युद्ध को लेकर एक नया पैराग्राफ दिया है। कहा जा रहा है कि सम्मेलन के आखिर में संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जाएगा, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वहीं हिंदुस्तान के लिए यह चुनौती भी है कि हिंदुस्तान सभी पक्षों को विश्वास में लेकर संयुक्त घोषणा पत्र में किन बातों का जिक्र करता है, जिससे कोई भी पक्ष नाराज ना हो। यूक्रेन युद्ध के चलते इस बात पर सभी की निगाहें हिंदुस्तान पर हैं।
आम सहमति बनाना हिंदुस्तान के लिए चुनौती
यूक्रेन संघर्ष को लेकर आम सहमति नहीं बन पाने के चलते हिंदुस्तान ने शुक्रवार को भू-राजनीति के पैराग्राफ को खाली छोड़ दिया था ताकि इसे लेकर कोई टकराव ना हो। यदि ऐसा होता है तो यह हिंदुस्तान के लिए कूटनीतिक स्तर पर जीत मानी जाएगी। हालांकि अब जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श के बाद यूक्रेन युद्ध पर नया पैराग्राफ जी20 के सदस्य राष्ट्रों को प्रसारित किया गया है।
यूक्रेन युद्ध पर आम सहमति नहीं बनी तो क्या होगा?
G20 सम्मेलन के दौरान यदि यूक्रेन युद्ध पर आम सहमति नहीं बन पाती है तो यह बैठक बिना संयुक्त घोषणा पत्र जारी हुए भी समाप्त हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो जी20 के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब बैठक के बाद संयुक्त घोषणा पत्र जारी नहीं होगा।
G20 समिट के ये 7 बड़े फैसले
दो दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन नयी दिल्ली में डिक्लेरेशन को स्वीकृति दी गई। डिक्लेरेशन को 100 फीसदी सहमति मिली है। इस दौरान कई अहम निर्णय भी लिए गए। इनमें अफ्रीकन यूनियन को G20 में शामिल करना, रूस-यूक्रेन की ग्रेन डील साथ ही यूक्रेन की शांति बहाल करना भी शामिल हैं।
1- अफ्रीकी यूनियन (AU) शनिवार को G20 में शामिल कर लिया गया है।
2- वैसे अफ्रीकी यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्यता मिली है, इसलिए ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जी-20 का नाम भी बदलता जा सकता है। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार G20 का नाम बदलकर G-21 किया जा सकता है।
3- शिखर सम्मेलन में दिल्ली का ज्वाइंट डिक्लेरेशन भी जारी कर दिया गया। इससे पहले शुक्रवार यानी 8 सितंबर को चीन की ओर से कुछ बिंदुओं पर असहमति जताई जा रही थी, खासतौर से यूक्रेन के मुद्दे पर। हालांकि शनिवार को ज्वाइंट डिक्लेरेशन जारी कर दिया गया है।
4- शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए सभी राष्ट्रों के नेताओं ने एक स्वर में बोला कि यह युद्ध का युग नहीं और इससे पूरे विश्व के लोगों पर असर पड़ता है।
5- G20 समिट के घोषणा पत्र में बोला गया है जी 20 अंतराष्ट्रीय आर्थिक योगदान का प्रमुख मंच है, न कि जियो-पॉलिटिक्स के निवारण का।
6- G20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन के ग्रेन डील को फिर से प्रारम्भ करने की अपील की गई।
7- रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को लेकर सम्मेलन में बोला गया है कि संयुक्त देश के नियमों के आधार पर वार्ता की प्रयास की जाए, ताकि यूक्रेन में लंबे समय के लिए शांति बहाल हो सके।