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मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य लोगों ने सेंट्रल हॉल में सांसदों की सभा को किया संबोधित

पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य लोगों ने सेंट्रल हॉल में सांसदों की सभा को संबोधित किया.

भारत ने मंगलवार को इतिहास लिखा जब राष्ट्र को नयी संसद मिली और सांसदों ने पुराने परिसर से विदाई ली. हालांकि, तृण मूल काँग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने पूछा कि सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम के दौरान हिंदुस्तान की राष्ट्रपति कहां थीं और क्या उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया गया था. उन्होंने यह भी पूछा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को क्यों नजरअंदाज किया गया? सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया. उन्होंने एक वीडियो में पूछा, “आज संसद के सेंट्रल हॉल में ‘समारोह’ में हिंदुस्तान की माननीय राष्ट्रपति कहाँ थीं? क्या उन्हें आमंत्रित किया गया था? उन्हें नज़रअंदाज क्यों किया गया?” उन्होंने यही बात एक्स (पहले ट्विटर) पर भी लिखी थी.

पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य लोगों ने सेंट्रल हॉल में सांसदों की सभा को संबोधित किया. पुराने भवन में अपने आखिरी संबोधन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक के विरुद्ध विधेयक पारित करने, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और अनुच्छेद 377 को अपराधमुक्त करने सहित जरूरी क्षणों को याद किया. नए भवन में स्थानांतरित होने से पहले सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित करते हुए, पीएम ने कहा, ”आज हम नए संसद भवन की ओर बढ़ते हुए नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”1947 में यहीं पर अंग्रेजों ने सत्ता का हस्तांतरण किया था, हमारा सेंट्रल हॉल उस ऐतिहासिक क्षण का गवाह है.

संसद के विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “हमें आत्मनिर्भर हिंदुस्तान के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है. एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा.’ हमने पांच वर्ष में देखा कि दुनिया हिंदुस्तान के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है.”  नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज हिंदुस्तान पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. मैं जिस जगह पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से वार्ता करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि हिंदुस्तान टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा.” उन्होंने बोला कि यह भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल, एक प्रकार से हमारी भवानाओं से भरा हुआ है. हमें भावुक भी करता है और हमें कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है. आजादी के पूर्व यह खंड एक तरह से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था.

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