राष्ट्रीय

आम चुनावों के बाद कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन

लोकसभा चुनाव से पहले मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि एक बार फिर से सुर्खियों में आता दिख रहा है इसको लेकर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सपा (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर वार कर रहे  हैं बीजेपी का स्पष्ट रूप से बोलना है कि यह मामला संसदीय चुनावों से पहले उसके एजेंडे में नहीं है पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि आम चुनावों के बाद कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन हो सकता है क्योंकि यह लोकाचार और पार्टी कैडर के भावनाओं से मेल खाता है

मिल रहा संकेत

2021 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले, जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पहले से ही चल रहा है, मौर्य ने यह कहकर टकराव खड़ा कर दिया था कि मथुरा में एक मंदिर बीजेपी के एजेंडे में अगला है इस बार उन्होंने यादव को चुनौती दी है कि वे साफ करें कि क्या वह मथुरा में कृष्ण मंदिर चाहते हैं हिंदू दक्षिणपंथियों के लिए, मथुरा और वाराणसी (जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है) में मंदिर टकराव एक बड़ी वैचारिक परियोजना का हिस्सा हैं, जैसा कि नारे में बोला गया है, “अयोध्या तो बस झांकी है, काशी, मथुरा बाकी है

केशव प्रसाद मौर्य का ट्वीट

एक एक्स पोस्ट के जरिए केशव प्रसाद मौर्य ने बोला कि अल्पसंख्यकों के वोट की ख़ातिर अपने हिंदुओं का खून बहाने वाली समाजवादी पार्टी ईश्वर श्रीकृष्ण के वंशजों का वोट चाहती है, परंतु श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर नहीं चाहती समाजवादी पार्टी बहादुर श्री अखिलेश यादव इस मुद्दे में यदि श्री आज़म खान और उनके समाज के दबाव में नहीं हैं तो अपना रूख साफ करें यह पोस्ट पीएम मोदी की ईश्वर कृष्ण की जन्मस्थली मानी जाने वाली मथुरा यात्रा की पृष्ठभूमि में आया है, जहां उन्होंने बोला था, “मथुरा और ब्रज भी विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे वह दिन दूर नहीं जब ईश्वर को ब्रज क्षेत्र में और भी अधिक दिव्यता के साथ देखा जाएगा

मोहन भागवत का रुख

जब 9 नवंबर, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में निर्णय सुनाया, तो आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत से जब पूछा गया कि क्या उनका संगठन वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद टकराव और मथुरा में शाही ईदगाह-कृष्ण जन्मभूमि टकराव को उठाएगा तब उन्होंने बोला था कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण संघ इस आन्दोलन (अयोध्या) से एक संगठन के रूप में जुड़ा यह एक अपवाद है अब हम फिर से मानव विकास से जुड़ेंगे और यह आंदोलन हमारे लिए चिंता का विषय नहीं रहेगा

मथुरा टकराव अदालतों में लंबित

उत्तर प्रदेश के एक अन्य बीजेपी नेता ने कहा, “यह पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है लेकिन यह कैडर के लोकाचार और भावनाओं से मेल खाती है” उन्होंने बोला कि एक बार यह मामला सामने आने पर यूपी में सियासी परिदृश्य में भारी परिवर्तन आ सकता है क्योंकि इसका असर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम-यादव मूल समर्थन आधार पर पड़ सकता है मथुरा टकराव विभिन्न अदालतों में लंबित है वकील महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने क्षेत्रीय न्यायालय में दाखिल याचिका में दावा किया है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने प्राचीन केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कर उसकी स्थान ईदगाह का निर्माण कराया था

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