खेत में न जलाएं पराली,शक्ति-मंत्री ने किसानों से की ये अपील
सर्दी प्रारम्भ होने से पहले पंजाब के खेत जली हुई पराली से एक बार फिर काले हो गए हैं। हवा में फैले धुएं से वातावरण प्रदूषित होने लगा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी गवर्नमेंट ने 2021 में राष्ट्रीय राजधानी (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब के खेतों में पराली जलाने को उत्तरदायी ठहराया।
एक वर्ष बाद पंजाब में आप गवर्नमेंट सत्ता में आई। आप गवर्नमेंट ने खेतों में पराली जलाने पर नियंत्रण लगाने का वादा किया था। अब दो वर्ष बाद सीमावर्ती राज्य में पराली जलाना प्रारम्भ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, खेतों में दोबारा पराली न जले, इसके लिए किसानों ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। पंजाब के सीएम भगवंत मान स्वयं किसान के बेटे हैं। उनका बोलना है कि उन्होंने किसान नेताओं से मुलाकात की और उन्हें पराली न जलाने के लिए मनाया। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में कई पंचायतों ने खेत में पराली न जलाने का प्रस्ताव भी पारित किया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले वर्ष बोला था, ‘मुझे आशा है कि अगले वर्ष पराली जलाने की घटना में कमी आएगी। हम पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए कदम उठाएंगे। पराली जलाने के लिए हमारी दोनों सरकारें उत्तरदायी हैं।’ किसानों का बोलना है कि उनके लिए वैकल्पिक फसलें उगाना कठिन है। वैकल्पिक फसलें महँगी हैं। उनका बोलना है कि वे भी वायु प्रदूषण के पक्ष में नहीं हैं। वे स्वयं ही इसका शिकार बन जाते हैं।
सितंबर-अक्टूबर में पराली जलाने के 845 मामले
हालांकि, पिछले दो सालों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि, 2021 में पराली जलाने के 320 मामले, 2022 में 630 और इस वर्ष सितंबर और अक्टूबर में 845 मुद्दे सामने आए हैं। वहीं दूसरी ओर दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब स्तर पर पहुंच गई है। हवा में पार्टिकुलेट मैटर PM2.5 की मात्रा हू द्वारा निर्धारित सीमा से 60 गुना अधिक है।