छेड़छाड़! छात्रा ने भरी प्रार्थना सभा में टीचर को जमकर जड़े तड़ातड़ चांटे
धौलपुर। राजस्थान में वैसे तो विद्यालयों में आए दिन छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती रहती हैं और आरोपी टीचर्स के विरुद्ध कार्रवाई के मुद्दे भी खुलासा होते रहते हैं। लेकिन धौलपुर जिले के बसई नवाब सीनियर सैकेंडरी विद्यालय में छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ का मुद्दा कुछ अलग ही सामने आया है। यहां छेड़छाड़ की घटना के बाद स्कूली छात्रा ने भरी प्रार्थना सभा में टीचर को जमकर तड़ातड़ चांटे जड़े। इससे प्रार्थना सभा में मौजूद सभी बच्चे और शिक्षक देखते हुए हक्के-बक्के रह गए। कहा जा रहा है कि यह पूरा मुद्दा गांव के कथित पंच पटेलों की सहमति से पूर्व नियेाजित प्लान के अनुसार हुआ है।
जानकारी के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले विद्यालय की एक छात्रा के साथ एक शिक्षक ने छेड़छाड़ कर दी थी। इससे आहत छात्रा ने अपने परिजनों को पूरी घटना से अवगत कराया। घटना के बाद से आरोपी शिक्षक विद्यालय नहीं आ रहा था और छिप छिपाकर अपने दिन गुजार रहा था। लेकिन सरकारी ड्यूटी है, कब तक अनुपस्थित रह पाता। घटना के बाद पूरे मुद्दे को लेकर छात्रा एवं उसके परिजनों ने विद्यालय प्रिंसिपल को इसकी कम्पलेन की। इस पर प्रिंसिपल ने मुद्दे की पूरी रिपोर्ट बनाकर सीडीईओ को भेज दी। सीडीईओ ने घटना की पूरी रिपोर्ट जॉइंट डायरेक्टर को भेज दी थी। उसके बाद धीरे धीरे यह मुद्दा तूल पकड़ता गया और चर्चाएं प्रारम्भ हो गईं।
वहीं मुद्दे को तूल पकड़ता देख आरोपी शिक्षक ने अपनी तरफ से माफी मांगने की बात रखी। शुक्रवार को विद्यालय में प्रार्थना सभा हो रही थी। उसी दौरान आरोपी शिक्षक वहां आया और माफी मांगने के लिए छात्रा के पैरों में झुक गया। लेकिन तभी छात्रा ने आवेश में आकर शिक्षक को तड़ातड़ कई चांटे जड़ दिए। इससे वहां मौजूद सभी शिक्षक और विद्यार्थी हक्के-बक्के रह गए।
स्कूल प्रिंसिपल मान सिंह ने कहा कि बीते 1 फरवरी को आरोपी शिक्षक मनोज पाराशर ने गुड टच बेड टच कार्यक्रम के दौरान छात्रा से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था। उसके बाद से आरोपी शिक्षक विद्यालय नहीं आया और छिप-छिपकर रह रहा था। मुद्दे को लेकर शिक्षक ने ही छात्रा से माफी मांगने की पहल रखी थी। कहा जा रहा है कि आहत छात्रा उसके परिजन एवं अन्य पंच पटेलों संभवतया ये प्लान पहले से ही तैयार कर रखा था। इसमें सबके सामने शिक्षक को चांटे लगाना तय हुआ। उसके बाद शुक्रवार को उसे अमली जामा पहना दिया गया। इससे पहले वहां मौजूद लोगों के मोबाइल ले लिए गए थे ताकि कोई इसका वीडियो नहीं बना सके।