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वाराणसी : मुसलमानों ने कल बंद का किया प्रदर्शन

वाराणसी के व्यास मंडपम में पूजा की अनुमति के विरुद्ध मुसलमानों ने कल बंद का प्रदर्शन किया. इससे जुड़ा मुद्दा 6 तारीख को यूपी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आ रहा है. ज्ञानवाबी मस्जिद यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित है. ऐसा बोला जाता है कि इसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर बनवाया था. व्यास मंडपम मस्जिद परिसर के ओसुकाना के निकट दक्षिण-पूर्वी भाग के तहखाने (तहखाने) में स्थित है.

इस छोटे मंडप तक विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर-4 से पहुंचा जा सकता है. वाराणसी न्यायालय ने अब 1993 से यहां निलंबित की गई दैनिक पूजा को जारी रखने की अनुमति दे दी है. इसके बाद, मुसलमानों ने 31 जनवरी को प्रारम्भ हुई पूजा का विरोध किया. वाराणसी के मुसलमानों ने कल दुकानें बंद कर दीं और शांतिपूर्ण बंद किया. इस संबंध में सुरक्षा प्रबंध कड़ी कर दी गयी. वाराणसी के प्रमुख मुसलमान इलाकों जैसे तालमंडी, सराय हट्टा, बीली कोठी और मदनपुरा में दुकानें बंद रहीं.

इस बीच ज्ञानवाबी के अंजुमन इंतसामिया मस्जिद ट्रस्ट ने व्यास मंडपम में पूजा की इजाजत के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है. उच्चतम न्यायालय ने इसे मानने से इनकार कर दिया और इस मुद्दे में इलाहबाद उच्च न्यायालय जाने का निर्देश दिया. इसके चलते इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मस्जिद ट्रस्ट की पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली. इस याचिका पर 6 तारीख को सुनवाई होने वाली है.

यह व्यास परिवार की बेटी शैलेन्द्र कुमार पाठक थीं, जिन्होंने व्यास मंडपम में पूजा करने की अनुमति देने के लिए एक मुद्दा दाखिल किया था. शैलेन्द्र कुमार पाठक के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ”कोर्ट ने हमारी पहली याचिका पर 17 जनवरी को वाराणसी कलेक्टर को व्यास मंडपम का प्रभारी नियुक्त करने का आदेश दिया था. मुसलमानों ने इसका विरोध नहीं किया.

इसलिए हम उनकी पुनर्विचार याचिका को खारिज करने पर बल दे रहे हैं क्योंकि मुसलमान 31 जनवरी को दूसरी याचिका पर दी गई पूजा की अनुमति का विरोध नहीं कर सकते. इस अनुमति मुद्दे और सिंगारा गौरी अम्मन दर्शन से जुड़े मुद्दे की सुनवाई वाराणसी सिविल न्यायालय में जस्टिस अजय कुमार विस्वेस ने की. वह कल अपनी जॉब से सेवानिवृत्त हो गये. ऐसे में आशा है कि नए न्यायधीश की नियुक्ति के बाद व्यास मंडप पूजा मुद्दे की सुनवाई होगी.

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