सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला, राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग

नई दिल्ली: नए संसद भवन (new Parliament House) के उद्घाटन का मामला गंभीर होता जा रहा है. अभी तक राजनितिक दलों तक यह बहसबाजी चल रही थी. अब यह मामला उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) पहुंचा गया है. सत्ताधारी भाजपा के विरूद्ध सभी विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. इसी बीच उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका पंजीकृत (Public Interest Litigation) कर यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नयी संसद भवन का उद्घाटन हिंदुस्तान के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए.
वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बोला कि उन्होंने (विपक्षी दलों ने) संविधान से कुछ अनुच्छेद कहे और उस आधार पर हमें राय दे रहे. उस समय भी इंदिरा गांधी ने (संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान) किया था. आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग. यह राष्ट्र और किसी भी आदमी के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है. फ़ुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों द्वारा संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था.
विपक्षी दलों द्वारा नए संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में बोला कि यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां तक कि पीएम भी इसके कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश करते हैं. मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक निवेदन करती हूं कि कृपया पुनर्विचार करें और कार्यक्रम में हिस्सा लें.
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोला कांग्रेस पार्टी और जो दल उनके साथ बहिष्कार कर रहे हैं उनका लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है. यह केवल संसद भवन नहीं बल्कि 140 करोड़ लोगों के आस्था का मंदिर और नए हिंदुस्तान की ताकत का प्रतीक है. यह कहते हैं कि राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए तो जब इंदिरा गांधी जी ने संसद उपभवन का उद्घाटन किया तब यह बात क्यों नहीं आई?