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नयी ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ रेलगाड़ियों को ‘नमो भारत’ के नाम से

नयी ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को आरआरटीएस के अहमियत खंड का उद्घाटन करेंगे

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा अहमियत वाला खंड इसके उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री पुरी ने ‘एक्स’(पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में घोषणा की कि आरआरटीएस ट्रेन को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा

उन्होंने कहा, ‘‘करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से जुड़ी आरआरटीएस परियोजना का अहमियत खंड रफ्तार भरने के लिए तैयार है पीएम नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को इसे देश को समर्पित करेंगे राष्ट्र के रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा’’

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को कहा था कि मोदी हिंदुस्तान में आरआरटीएस की आरंभ करते हुए साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली एक रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे

पीएमओ ने कहा था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर अहमियत खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा
बयान के मुताबिक, पीएम ने आठ मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव रखी थी

ए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए राष्ट्र में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की पीएम की दूरदृष्टि के मुताबिक आरआरटीएस परियोजना विकसित की जा रही है
आरआरटीएस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नई रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है

पीएमओ ने कहा है कि यह एक ‘‘परिवर्तनकारी’’ क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसमें अंतर शहरी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में उच्च गति वाली ट्रेन मौजूद होगी और जरूरत के मुताबिक यह हर पांच मिनट में भी मौजूद हो सकती है

उसने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल आठ आरआरटीएस गलियारे की पहचान की गयी है जिसमें पहले चरण में तीन गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत के क्रियान्वयन को अहमियत दी गयी है

पीएमओ ने कहा कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा

 



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