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नागपुर के मेयो अस्पताल में मौतों पर अस्पताल प्रशासन ने कहा… 

रत डिजिटल टीम: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नांदेड़ में सरकारी हॉस्पिटल (Nanded Hospital Deaths) में अचानक कई रोगियों की मृत्यु होने की घटना सामने आई है, वहीं अब नागपुर से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिससे फिर एक बार नागपुर सहित पुरे महाराष्ट्र में खलबली मच गया है जी हां नागपुर के मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी सरकार कॉलेज (Indira Gandhi Government Medical College & Hospital) (मेयो अस्पताल) के आंकड़ों की जांच करने पर सामने आई जानकारी के मुताबिक, पता चला है कि पिछले 24 घंटों में 25 रोगियों की मृत्यु हो गई है आइए जानते है पूरी समाचार विस्तार से…

मौतों पर हॉस्पिटल प्रशासन ने कहा…

मिली जानकारी के मुताबिक, मरे हुए रोगियों में 16 रोगी सरकारी मेडिकल कॉलेज और 9 रोगी इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज के हैं वहीं आपको यह भी बता दें कि 25 में से 12 रोगियों को आखिरी समय में निजी अस्पतालों से सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया इस बीच, निजी हॉस्पिटल रोगियों की हालत देखकर उन्हें भर्ती कर लेते हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में सभी को भर्ती रोगियों को करना पड़ता है, इसलिए हॉस्पिटल प्रशासन का बोलना है कि मरने वालों की संख्या अधिक है ऐसे में अब पिछले 24 घंटों में 25 रोगियों की मृत्यु होने की समाचार सामने आई है

महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में मृत्यु का तांडव

महाराष्ट्र के ठाणे, नांदेड़, छत्रपति संभाजीनगर के सरकारी हॉस्पिटल में मृत्यु का तांडव जारी हैं जैसा की हम सब जानते है नांदेड़ के सरकारी हॉस्पिटल में 31 लोगों की मृत्यु हो गई है, जिनमें 16 नवजात बच्चे भी शामिल हैं इस घटना से पुअरा महाराष्ट्र हिल गया है जानकारी के लिए आपको बता दें कि नांदेड़ के सरकारी हॉस्पिटल में एक दिन में होने वाली मौतों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है

एक बेड पर 2 से 3 बच्चों का इलाज 

आपको जानकर  आश्चर्य होगी कि यहां एक बेड पर दो से तीन बच्चों का उपचार किया जाता है ऐसे में अब आसार जताई जा रही है कि इन बच्चों की मृत्यु एक-दूसरे को संक्रमित करने से हुई होगी वहां त्योहारों के कारण लगातार छुट्टियों के कारण नांदेड़ शहर के निजी हॉस्पिटल बंद रहे इससे सरकारी अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ गई जबकि संभाजी नगर यानी औरंगाबाद के घाटी हॉस्पिटल में 24 घंटे में 18 लोगों की मृत्यु हो गई, हॉस्पिटल के डीन संजय राठौड़ ने दावा किया कि मौतें दवाओं की कमी या प्रशासन की कमी के कारण नहीं थीं इन तीनों घटनाओं से महाराष्ट्र में खलबली मचा हुआ है

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