विपक्षी गठबंधन दलों ने लिया फैसला, देश के 14 टीवी एंकर प्रोग्राम में नहीं भेजेंगे प्रतिनिधि
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने गुरुवार को निर्णय किया कि वे राष्ट्र के 14 टीवी एंकर के प्रोग्राम में प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे। यह निर्णय ‘इंडिया’ की मीडिया से संबंधित समिति की बैठक में लिया गया। इसके बाद लगातार सियासी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बोला कि जिन लोगों का दिल काला होता है, वे ही ब्लैकलिस्टिंग के ऐसे काम करते हैं। उन्होंने बोला कि राष्ट्र में उत्तर से दक्षिण तक इण्डिया गठबंधन की किरदार आप देखिएगा क्या होगा…इस गठबंधन को जनता ब्लैक लिस्ट में डालने वाली है
क्या कहा था पवन खेड़ा ने
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने एंकरों की सूची जारी की थी और कहा था कि रोज शाम पांच बजे से कुछ चैनलों पर नफरत की दुकानें सजायी जाती हैं। हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे। हमारा उद्देश्य है नफरत मुक्त भारत। जारी सूची में अर्णब गोस्वामी, अमीष देवगन, चित्रा त्रिपाठी, रुबिका लियाकत, सुधीर चौधरी, अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, आनंद नरसिम्हन, अशोक श्रीवास्तव, गौरव सावंत, नविका कुमार, प्राची पराशर, शिव अरुर और सुशांत सिन्हा शामिल हैं।
भाजपा ने की आलोचना
इधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ‘इंडिया’ के इस निर्णय की निंदा करते हुए बोला कि उसके घटक दो ही काम कर रहे हैं, एक सनातन संस्कृति को कोसना और दूसरा मीडिया को धमकी देना। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बोला कि यह कदम उनकी हताशा को दर्शाता है। प्रत्येक दिन कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोगियों के नेता कहते हैं कि वे सनातन धर्म को नष्ट कर देंगे और हिंदुओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अब उन्होंने पत्रकारों का भी बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है और मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ ने बहिष्कार को लोकतंत्र पर धावा करार दिया
क्या बोला चिराग पासवान ने
इधर, I-N-D-I-A गठबंधन द्वारा कई टीवी समाचार एंकरों का बहिष्कार करने पर लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बोला है कि अनेक दल एक साथ आते हैं और कुछ पत्रकारों की एक सूची जारी करते हैं कि हम इन पत्रकारों का बहिष्कार करेंगे, ये इमरजेंसी स्थिति है या नहीं? जो आपके मन अनुसार नहीं है, आप उनका बहिष्कार करेंगे। उन्हें इन प्लेटफॉर्म का इस्तमाल करना चाहिए। इस ढंग से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का बहिष्कार करना, क्या ये लोकतंत्र की मर्डर नहीं है? हर समय आपके मुताबिक प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। कई पत्रकार हैं जो सत्ता से प्रश्न पूछ रहे हैं, विपक्ष से भी प्रश्न किए जाएंगे की आपने इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाया। हम इसकी आलोचना करते हैं
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन वाले लोग यह प्रेस की स्वतंत्रता को नहीं मानते। यदि आपके पास ठीक उत्तर है तो आप आएं। आप प्रश्नों से क्यों डरते हैं? ऐसे भी चैनल हैं जहां भाजपा के विरुद्ध कहा जाता है लेकिन भाजपा ने कभी उनका बहिष्कार नहीं किया क्योंकि हमारे पास उत्तर हैं। आपातकाल से अब तक वे प्रेस के विरुद्ध हैं। मैं इसका खंडन करता हूं
भाजपा नेता संबित पात्रा ने बोला कि मुझे उस अवार्ड वापसी गैंग से जो मोमबत्ती वाले हैं, उनसे एक प्रश्न पूछना है कि आज शाम कहीं सुलगाएंगे या नहीं… यही लिस्ट यदि हमारी तरफ से जारी हुई होती तो बाजार में मोमबत्ती कम पड़ जाती, मोमबत्ती ब्लैक में बिक रही होती। सारे मोमबत्ती कल से खरीद कर घूम रहे होते। एक भी मोमबत्ती खरीदी गई है या नहीं? ये अवार्ड वापसी गैंग एक भी अवार्ड वापस करेगी?