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सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अपात्रता मामले में प्रत्यक्ष रूप से सुनवाई हुयी शुरू

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) समेत 16 विधायकों (16 MLAs) की अपात्रता के मुद्दे में प्रत्यक्ष रूप से सुनवाई प्रारम्भ कर दी. सुनवाई प्रारम्भ होते ही ठाकरे गुट की ओर से मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने अर्जी देते हुए बोला कि विधायकों की अपात्रता मुद्दे में राज्य के लोग काफी समय से निर्णय का प्रतीक्षा कर रहे हैं.

इसलिए यह निर्णय आज ही सुनाया जाना चाहिए. हालांकि शिंदे गुट के वकील अनिल सिंह ने बोला कि उन्हें सुनील प्रभु द्वारा पेश किए गए डॉक्यूमेंट्स नहीं मिले हैं. हमारे डॉक्यूमेंट्स भी उन तक नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में दस्तावेजों के लिए दो हफ्ते तक समय दिया जाना चाहिए.

शिंदे गुट के वकीलों की इस मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने मान लिया. शिंदे गुट का यह भी बोलना था कि राज्य में गणेशोत्सव का त्योहार प्रारम्भ हो रहा है. कई विधायक अपने गांव जा रहे हैं. इस वजह से भी सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया जाना चाहिए.

6 हजार पन्नों का जवाब
शिंदे गुट ने इस मुद्दे में विधानसभा अध्यक्ष के पास 6000 पन्नों का उत्तर दाखिल किया है. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों के विधायकों को गुरुवार को विधानसभा के सेन्ट्रल हॉल में मौजूद होने का निर्देश दिया था. इस सुनवाई में शिंदे गुट के 21 और ठाकरे गुट के 14 विधायक उपस्थित थे. अध्यक्ष ने बोला कि सभी याचिकाएं भिन्न-भिन्न हैं, इसलिए इन पर अलग से सुनवाई की जाएगी.  जबकि ठाकरे गुट के विधायकों का बोलना है कि मामला एक है. इसलिए सभी याचिकाओं को क्लब कर सुनवाई की जानी चाहिए. शिंदे गुट की ओर से निहार ठाकरे और ठाकरे गुट की ओर से देवदत्त कामत ने बहस की.

समय की बर्बादी
विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर ठाकरे गुट के वकील असीम सरोदे और अन्य नेताओं ने कड़ा एतराज जताया है. सरोदे ने बोला कि इस निर्णय को लेने में देरी करने की प्रयास की जा रही है. आखिर सभी डॉक्यूमेंट्स जमा करने के बाद भी कुछ लोगों को डॉक्यूमेंट्स क्यों नहीं मिले. उच्चतम न्यायालय द्वारा मुद्दे को साफ करने के बाद भी कई दस्तावेजों की मांग की गई और अधिक समय मांगा गया. यह समय की बर्बादी है.

पल्ला झाड़ने की कोशिश
ठाकरे के वकील सरोदे ने बोला कि लगातार कुछ न कुछ कारण बताकर तथ्यों से पल्ला झाड़ने की प्रयास की जा रही है. सभी 34 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि सब में विषय एक ही है उन्होंने बोला कि शिवसेना के कुछ विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर  बाहर चले गए हैं. ऐसे में इन सभी विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. जब मुद्दा विधानसभा अध्यक्ष के पास है और सारे तथ्य साफ हैं, तो दस्तावेजों के नाम पर बार-बार समय मांगना ठीक नहीं है.

हम हैं वास्तविक शिवसेना
शिंदे गुट के नेताओं ने दावा किया कि उनका समूह ही वास्तविक शिवसेना है. हमारे गुट को दो तिहाई विधायकों का समर्थन है. ऐसे में हमारे ऊपर एंटी डिफेक्शन लॉ लागू नहीं होता है. चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह हमारे गुट को दिया है. शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर ने बोला कि इन सब बातों से साफ़ है कि हमारा पक्ष मजबूत हैं.

हमारी बात नहीं सुनी जा रही है
हम इन्साफ की आशा में यहां आए हैं लेकिन हमें नहीं लगता है कि इन्साफ मिलेगा. इसके बावजूद  हम कानूनी रूप से अपना पक्ष रखना जारी रखेंगे. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सिर्फ़ एनसीपी, बीजेपी, शिंदे समूह की बात सुन रहे हैं हमारी बातों को दरकिनार किया जा रहा है.

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