पुरी ने राजस्थान के कर संग्रह की तुलना दिल्ली, उत्तराखंड, और अन्य 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से…
जयपुर: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजस्थान में पेट्रोल की ऊंची कीमतों पर चिंता जताई और इसके लिए राज्य की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट द्वारा लगाए गए भारी करों को उत्तरदायी ठहराया। पुरी के अनुसार, राजस्थान गवर्नमेंट ने नवंबर 2022-23 तक पिछले दो वित्तीय सालों में पेट्रोल और डीजल पर करों में आश्चर्यजनक रूप से 35,975 करोड़ रुपए जमा किए हैं।
स्थिति की गंभीरता पर बल देने के लिए, पुरी ने राजस्थान के कर संग्रह की तुलना दिल्ली, उत्तराखंड, नागालैंड और अन्य सहित 18 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से की। इन क्षेत्रों से संचयी कर संग्रह 32,597 करोड़ रुपए रहा, जो एक जरूरी अंतर दर्शाता है। पुरी ने कहा कि जहां राष्ट्र भर में पेट्रोल की औसत मूल्य 96.72 रुपए प्रति लीटर है, वहीं राजस्थान के गंगानगर में यह बढ़कर 113.34 रुपए प्रति लीटर हो गई है। राजस्थान में आनें वाले चुनावों के संदर्भ में यह अवलोकन विशेष महत्व रखता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए, जिन्होंने सुझाव दिया था कि पेट्रोल और डीजल पर उच्च करों के लिए केंद्र गवर्नमेंट उत्तरदायी है, पुरी ने गहलोत से अपने राज्य के भीतर व्याप्त कर की स्थिति को संबोधित करने का आग्रह किया। इन बयानों का समय 25 नवंबर को होने वाले 200-सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के आसन्न चुनावों के साथ मेल खाता है, जिसके रिज़ल्ट 3 दिसंबर को घोषित होने की आशा है। ईंधन की कीमतों पर बहस आगे के सियासी प्रहारों को आकार देने में जरूरी किरदार निभा सकती है।