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Rajat Sharma’s Blog: हार की वजह की जड़ में जाने की बजाय सारा ठीकरा EVM पर फोड़ रही कांग्रेस

बीजेपी में तीन राज्यों के सीएम के पद को लेकर मंथन हो रहा है तो कांग्रेस पार्टी में हार को लेकर मंथन हो रहा है. लेकिन हार की वजह की जड़ में जाने की बजाय कांग्रेस पार्टी सारा ठीकरा EVM पर फोड़ रही है. गुरुवार को  भोपाल में राज भवन से कुछ दूरी पर कांग्रेस पार्टी ने काफी ड्रामा किया. कांग्रेस पार्टी नेता दिग्विजय सिंह और विधायक फूल सिंह बरैया डमी EVM मशीन लेकर आए थे. इन लोगों ने इस डमी EVM पर कालिख पोत दी. वैसे कालिख तो कांग्रेस पार्टी नेता फूल सिंह बरैया के मुंह पर लगी और सबसे दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने स्वयं अपने चेहरे पर काला रंग लगवाया. दरअसल, फूल सिंह बरैया ने घोषणा किया था कि यदि विधानसभा चुनाव में भाजपा को 50 से अधिक सीटें आ गईं तो वो अपने मुंह पर स्वयं कालिख लगाएंगे. भाजपा 150 से अधिक सीटें जीत गई. इसके बाद फूल सिंह बरैया ने बोला कि उन्होंने एक बार जो वादा किया, उसे वो पूरा करते हैं. हालांकि मुंह पर काला रंग लगाने से पहले उन्होंने लंबा-चौड़ा भाषण दिया और कहा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं. बरैया ने तो अपना पूरा चेहरा काला करने का वादा किया था और शायद वो ऐसा करते भी, लेकिन बीच में दिग्विजय सिंह आ गए. दिग्विजय सिंह ने बोला कि बरैया अपना वादा पूरा करने को तैयार हैं, ये बहुत बड़ी बात है लेकिन कांग्रेस पार्टी के लोग उनका चेहरा काला नहीं होने देंगे. दिग्विजय ने अपने हाथ से फूल सिंह बरैया के चेहरे पर काले रंग से 2-3 टीके लगाए और बोला कि ये टीके उन्हें नज़र लगाने से रोकने का काम करेंगे.

दिग्विजय सिंह ने बरैया को तो पूरा चेहरा काला नहीं करने दिया लेकिन बरैया के समर्थन में कांग्रेस पार्टी से जुड़े किसान नेता ने जरूर अपने चेहरे पर कालिख पोती. ग्वालियर के युवा कांग्रेस पार्टी नेता योगेश दंडोतिया ने स्वयं अपने चेहरे पर काला रंग लगाया. दंडोतिया ने भी ये घोषणा किया था कि यदि भाजपा 50 से अधिक सीट जीत गई तो वो स्वयं अपने चेहरे पर कालिख लगाएंगे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपने चेहरे पर ये जो कालिख लगाई है वो तो धोने से उतर जाएगी लेकिन कांग्रेस पार्टी के चेहरे पर हार की जो कालिख लगी है, उसके दाग इतनी शीघ्र नहीं मिटेंगे. सबसे खास बात ये है कि हार के दाग मिटाने के ढंग खोजने की बजाए कांग्रेस पार्टी एस्केप रूट तलाश रही है. हार पर मंथन करने की बजाए EVM को गुनाह दे रही है. रायपुर में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रश्न किया कि जब जब EVM को लेकर कांग्रेस पार्टी प्रश्न करती है, तो भाजपा के नेता क्यों चिढ़ जाते हैं. बघेल ने पूछा कि चुनाव के नतीजे आये 6 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक भाजपा अपने मुख्मंत्रियों का चयन क्यों नही कर पा रही है. कांग्रेस पार्टी को इस बात की बड़ी चिंता है कि भाजपा ने अभी तक तीन राज्यों में सीएम क्यों नहीं बनाए. कांग्रेस पार्टी के नेताओं को इस बात की भी कठिनाई है कि मीडिया ने इसपर प्रश्न क्यों नहीं उठाए. भाजपा के नेताओं को इस देरी से कोई कठिनाई नहीं है. भाजपा के किसी नेता ने कोई प्रश्न नहीं उठाया लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी हार में भी मजा ले रही है.

कांग्रेस को भाजपा में घमासान दिखाई दे रहा है. उन्हें लगता है कि वसुंधरा राजे ने मोदी को आंख दिखाई, शिवराज के आगे मोदी मौन हो गए, और रमन सिंह ने मोदी का अमन भंग कर दिया, यही दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी न मोदी को समझ पाई है और न ही भाजपा के नेताओं को. ज़रा सोचिए, आज की तारीख में भाजपा के किस नेता की हौसला होगी की वो मोदी को आंख दिखाए. आंख तो अशोक गहलोत ने दिखाई थी राहुल गांधी को, हाईकमान की लाख प्रयास के बाद भी उन्होंने सीएम पद नहीं छोड़ा. आंख तो कमलनाथ दिखा रहे हैं कि उनसे प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने को बोला गया है पर वो डटे हुए हैं. इसीलिए इस मुद्दे में मीडिया को गुनाह देना ठीक नहीं है. ये ठीक है कि तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम का घोषणा नहीं हुआ है लेकिन सबको पता है कि एक दो दिन में निर्णय हो जाएगा और जो निर्णय होगा उसपर कोई चूं भी नहीं करेगा. तीनों राज्यों में अभी तक किसी नेता ने सीएम पद का दावा नहीं किया है. कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत होते ही कई दावेदार मीडिया के सामने आकर खड़े हो गए. कांग्रेस पार्टी के नेताओं को याद होगा कि हिमाचल प्रदेश में तो दो गुटों ने अपने अपने समर्थकों के साथ कैमरों के सामने शक्ति प्रदर्शन किया था. इसीलिए घमासान और विवाद की हेडलाइंस बनी. कांग्रेस पार्टी को कड़वाहट छोड़कर इस बात पर मंथन करना चाहिए कि तीन राज्यों में उसकी जीत के दावे गलत क्यों हुए. जनता ने मोदी की गारंटी को क्यों स्वीकार किया? EVM का मुंह काला करने की बजाय ये सोचें कि तेलंगाना में इसी EVM ने कैसे जिताया. 

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