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RBI Report: पिछले छह महीने में तीन गुना बढ़ गए बैंक धोखाधड़ी के मामले

RBI Report on Bank Fraud: राष्ट्र में एक तरफ जहां डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट और रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के द्वारा हर संभव प्रयास की जा रही है वहीं, पिछले छह महीने में बैंक फर्जीवाड़ा के मुद्दे तीन गुना बढ़ गए हैं बड़ी बात ये है कि इन धोखाधड़ियों में सबसे अधिक प्राइवेट बैंक के ग्राहक शिकार बने हैं इस बात की जानकारी, आरबीआई (RBI) के द्वारा बैंक फ्रॉड पर जारी एक रिपोर्ट में कही गयी है हालांकि, बैंकों और ग्राहकों के लिए राहत की बात ये है कि फर्जीवाड़ा में शामिल धनराशि में कमी आयी है शीर्ष बैंक की रिपोर्ट ‘भारत में बैंक की प्रवृत्ति और प्रगति 2022-23’ पर जारी रिपोर्ट में बैंकिंग प्रणाली और भुगतान प्रणाली को साइबर खतरों से पैदा होने वाली फर्जीवाड़ा और आंकड़ों में सेंध के जोखिमों से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है

14,483 हो गए फर्जीवाड़ा के मामले

चालू वित्त साल की पहली छमाही में बैंक फर्जीवाड़ा के मामलों की संख्या बढ़कर 14,483 हो गई लेकिन इनमें शामिल राशि पिछले वर्ष की तुलना में केवल 14.9 फीसदी रही है रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है चालू वित्त साल की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 2,642 करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा के कुल 14,483 मुद्दे सामने आए एक वर्ष पहले की समान अवधि में फर्जीवाड़ा के 5,396 मुद्दे सामने आए थे जिनमें 17,685 करोड़ रुपये शामिल थे रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जीवाड़ा से बैंकों की प्रतिष्ठा, परिचालन और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए जोखिम पैदा होता है इससे वित्तीय स्थिरता के साथ बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों का भरोसा भी कम होता है इसके मुताबिक, वित्त साल 2022-23 में बैंकों ने फर्जीवाड़ा के कुल मामलों के छह वर्ष के निचले स्तर पर आ जाने की बात कही जबकि फर्जीवाड़ा में शामिल औसत राशि एक दशक में सबसे कम थी

कार्ड और इंटरनेट से अधिक हुई धोखेबाजी

रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त साल में फर्जीवाड़ा में शामिल औसत राशि घट गई और कार्ड या इंटरनेट से संबंधित फर्जीवाड़ा के मामलों की अधिकता रही नयी प्रौद्योगिकियों के आने से साइबर हमले, डेटा से छेड़छाड़ और परिचालन विफलताओं का जोखिम भी बढ़ गया है रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों को संभावित कमजोरियां दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा जोखिमों को बेहतर ढंग से चिह्नित और संबोधित करने की आवश्यकता है बैंक प्रणाली के सामने आने वाले जोखिमों की उभरती प्रकृति को बेहतर संचालन प्रबंध और मजबूत जोखिम प्रबंधन तरीकों के माध्यम से सुदृढ़ बनाना होगा हिंदुस्तान में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) भी डेटा विश्लेषण, फर्जीवाड़ा का पता लगाने और अन्य अनुमानित विश्लेषणों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का लाभ उठा रहे हैं बैंकों ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए चैटबॉट या ‘वर्चुअल असिस्टेंट’ भी तैनात किए हैं रिपोर्ट में यह आशा जताई गई है कि एआई नए उत्पादों और सेवाओं के निर्माण को बढ़ावा देकर, नए बाजार एवं उद्योगों को खोलकर और नवोन्मेष का मार्ग प्रशस्त कर वित्तीय सेवा क्षेत्र को बदलकर रख देगा

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