समाधि ! बाबा आशुतोष महाराज का शरीर रखा पंजाब के नूरमहल में फ्रिजर में…
Samadhi For Ashutosh Maharaj: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उपस्थित आनंद आश्रम इन दिनों सबके लिए रहस्य का विषय बना हुआ है। इस आश्रम के शिष्यों की मानें तो बीती 28 जनवरी को इनकी गुरु मां आशुतोषाम्वरी समाधि में गईं, सुबह 4.33 पर समाधि लिया और इस समाधि को निर्बीज समाधि कहते हैं इसका उद्देश्य विश्वशांति, विश्वकल्याण और आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाना कहा जा रहा है। बाबा आशुतोष महाराज का शरीर पंजाब के नूरमहल में फ्रिजर में रखा गया है ऐसा दावा है। 28 जनवरी 2014 को गुरु जी समाधि में गए हैं।
समाधि में गईं आशुतोषाम्वरी के लिए डॉक्टरों की टीम बुलाई गई है। डॉक्टरों का बोलना है कि उनकी हार्टबीट और प्लस नहीं है पर ईसीजी में हलचल दिख रही है। 11 दिन के बाद भी आज तक शरीर सुरक्षित है। न्यायालय में अब इस शरीर के संरक्षण के लिए अर्जी दी गई है। हालांकि शिष्यों ने अपनी गुरुमां का शरीर 11 दिनों से रखा है। डॉक्टरों की टीम ने जब इसे देखा है तो ईसीजी रिपोर्ट में पल्स पाया। अब देखना ये होगा कि शरीर में पूर्ण रूप से जान कब तक वापस आती है यदि आती है तो ये भी बड़ी बात होगी।
फ्रीजर में रखा हुआ शव
ऐसा कहा गया है कि साध्वी आशुतोषाम्वरी ने अपने गुरु आशुतोष महाराज को उनके शरीर से वापस लाने के लिए समाधि ले लिया है। 10 वर्ष पहले 2014 में आशुतोष महाराज ने जालंधर स्थित नूरमहल आश्रम में समाधि ले ली थी। उनका मृतशरीर आज तक फ्रीजर में रखा हुआ है। उनके अनुयायियों को विश्वास है कि महाराज एक दिन अपने शरीर में वापस लौटेंगे।
हाईकोर्ट में याचिका भी दायर!
जानकारी के अनुसार उनके शिष्यों ने साध्वी आशुतोषाम्वरी के शरीर को सुरक्षित रखने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है। इधर लखनऊ स्थित आनंद आश्रम में साध्वी के दर्शन के लिए भीड़ लगनी प्रारम्भ हो गई है। उनको शरीर में वापस लाने के लिए आश्रम में यज्ञ और हवन भी करवाया जा रहा है। जबकि उधर सोशल मीडिया पर जैसे ही साध्वी की समाधि की बात सामने आई, लोग इसे पाखंड और अंधविश्वास का नाम दे रहे हैं।