बाबा रामदेव : राम का विरोध करने वाले नहीं हो सकते है शंकराचार्य
Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक्षा कुछ घंटों में समाप्त होने वाला है। अयोध्या में 22 जनवरी के भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए राष्ट्र के कोने-कोने से हस्तियां पहुंच रहीं हैं। योग गुरु बाबा रामदेव भी आज रविवार को अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम की पैड़ी में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने बोला कि राष्ट्र का माहौल राम मय हो गया है। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने वालों पर भी धावा बोला।
विरोध करने वाले साधु-संत नहीं
योग गुरु रामदेव समेत अयोध्या पहुंचे सभी साधु संत हनुमानगढ़ी के दर्शन के बाद राम की पैड़ी पर एकजुट हुए। राम की पैड़ी पर पत्रकारों से बात करते हुए बाबा रामदेव ने शंकराचार्य पर निशाना साधा। बाबा रामदेव ने बोला कि राम का विरोध करने वाले शंकराचार्य नहीं हो सकते। उन्होंने बोला कि 22 जनवरी सनातन सांस्कृतिक संविधान एवं लोकतंत्र का महापर्व है। धर्मनिरपेक्षता जैसी कोई चीज नहीं है। जो लोग राम का विरोध कर रहे हैं वो साधु-संत नहीं हो सकते।
देश में राम राज्य कायम
योग गुरु ने खुशी जाहिर करते हुए बोला कि राष्ट्र में राम राज्य कायम हो गया है। हिंदू देश पर कई प्रश्न उठाए गए। अब एक बात साफ है, राष्ट्र में राम राज्य कायम हुआ है। उन्होंने यह भी बोला कि 1947 में हिंदुस्तान को सियासी आजादी मिली थी, लेकिन अब इस प्रतिष्ठा कार्यक्रम के साथ हिंदुस्तान को 2024 में ‘सनातन सांस्कृतिक आजादी’ मिल गई है। उन्होंने बोला कि वह सियासी आजादी थी जो हमने 15 अगस्त, 1947 को हासिल की और 22 जनवरी, 2024 हिंदुस्तान की सनातन सांस्कृतिक स्वतंत्रता का भव्य त्योहार है।
अयोध्या पहुंचने लगे साधु-संत
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर से प्रमुख साधु-संतों का आना प्रारम्भ हो गया है। 21 जनवरी को योग गुरु स्वामी रामदेव और महाराज आचार्य बालकृष्ण, साध्वी ऋतंभरा, डाक्टर परमानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर गीता मनीषी, जगतगुरु श्री निर्मलानंद नाथ, माधव प्रिया दास, आचार्य कृष्ण मणि दास, सतुआ बाबा समेत कई साधु-संत अयोध्या पहुंच चुके हैं।