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साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 52,191 मामलों का किया निपटारा

नई दिल्ली: भारत के इन्साफ तंत्र में 3 करोड़ से अधिक मुद्दे निर्णय का प्रतीक्षा कर रहे हैं कई मुद्दे तो आजादी के समय से अदालतों में दाखिल और निर्णय की बाह जोट रहे हैं भारतीय इन्साफ तंत्र के बारे में बोला जाता है कि एक बार आपका मुद्दा कोर्ट-कचहरी में पहुंच गया तो आप जिन्दगी भर यहां के चक्कर लगाएंगे हालांकि वर्तमान समय में यह तस्वीर बदलती हुई दिख रही है इसका एक नमूना वर्ष 2023 में देखने को मिला है

इस वर्ष कई अहम मामलों में सुनाया गया फैसला 

साल 2023 में उच्चतम न्यायालय ने 52,191 मामलों का निपटारा किया है, जिनमें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करने के केंद्र के निर्णय को स्वीकृति देने वाली ऐतिहासिक प्रबंध तथा समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार करना शामिल है शीर्ष न्यायालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निपटाए गए मामलों की संख्या पूरे साल के दौरान इसकी रजिस्ट्री में दाखिल किए गए 49,191 मामलों से 3,000 अधिक रही

साल में दर्ज मामलों से अधिक हुए निपटारे 

न्यायालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में बोला गया, “एक और उपलब्धि में, हिंदुस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक जनवरी, 2023 से 15 दिसंबर, 2023 तक 52,191 मामलों का निपटारा किया इनमें 45,642 विविध मुद्दे और लगभग 6,549 नियमित मुद्दे शामिल हैं’’ विज्ञप्ति में बोला गया है ‘‘वर्ष 2023 में कुल 49,191 मुद्दे दर्ज़ हुए और 52,191 का निपटारा किया गया इससे पता चलता है कि इस साल सुप्रीम कोर्ट ने 2023 के दौरान दर्ज मामलों की तुलना में अधिक मामलों का निपटान किया’’

आईसीएमआईएस से हुआ बड़ा बदलाव 

वर्ष 2017 में आईसीएमआईएस (इंटीग्रेटेड मुकदमा मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) लागू होने के बाद से, 2023 में सर्वाधिक मामलों का निपटारा किया गया है विज्ञप्ति में बोला गया है कि हिंदुस्तान के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने के लिए जरूरी समय-सीमा को दुरुस्त किया है विज्ञप्ति में बोला गया है ‘‘उनके कार्यकाल में, मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में गौरतलब परिवर्तन आया मुद्दे के सत्यापन के बाद सूचीबद्ध होने तथा दाखिल करने तक का समय 10 दिन से घटाकर सात से पांच दिन कर दिया गया है’’

इसमें बोला गया है ‘‘इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने मामलों की अधिक संख्या को देखते हुए विभिन्न कदम उठाए जिससे कानूनी विवादों के निवारण में तेजी आई मामलों की विशिष्ट श्रेणियों को देखते हुए निपटारे के लिए विशेष पीठों का गठन किया गया, जिससे अधिक विशिष्ट और कुशल इन्साफ प्रक्रिया को बढ़ावा मिला’’

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