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सुप्रीम कोर्ट ने एमपी-एमएलए के खिलाफ इतने मामलों का शीघ्रता से निपटारा करने का दिया आदेश

सुप्रीम न्यायालय ने गुरुवार को विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों को वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों के विरुद्ध मामलों के त्वरित निपटान के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए मुद्दे चलाने का आदेश दिया वर्तमान में विभिन्न अदालतों में लगभग 5,175 मुद्दे लंबित हैं इनमें से लगभग 2,116 मुद्दे विभिन्न अदालतों में पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने बोला कि उच्च न्यायालय को स्वयं ऐसे मुद्दे दाखिल करने चाहिए और उन मामलों की नज़र करनी चाहिए उन मामलों को विशेष अहमियत दी जानी चाहिए जिनमें जीवन भर जेल या मृत्युदंड का प्रावधान है हत्या का गुनेहगार पाए जाने पर आरोपी को जीवन भर जेल से लेकर मृत्यु तक की सजा हो सकती है सुप्रीम न्यायालय ने बोला था कि सांसदों और विधायकों के विरुद्ध दाखिल मामलों के जल्द निपटारे के लिए संबंधित ट्रायल न्यायालय के लिए एक समान दिशानिर्देश बनाना उसके लिए कठिन होगा अदालत ने ऐसे मामलों की कारगर नज़र करने और उनके निपटान के लिए स्वत: संज्ञान कार्यवाही दाखिल करने को भी कहा सुप्रीम न्यायालय ने यह भी बोला कि यदि महत्वपूर्ण हो तो उच्च न्यायालय ऐसे मामलों की नज़र के लिए एक विशेष पीठ का गठन करे उच्च कोर्ट आपराधिक मामलों में जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध मामलों पर निचली अदालतों से स्थिति रिपोर्ट भी मांग सकते हैं

सीजेआई की पीठ ने कई निर्देश जारी किये

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सांसदों और विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान की मांग करने वाली अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट और निचली अदालतों को कई निर्देश जारी किए कोर्ट ने अपने आदेश में बोला कि उच्च न्यायालय कानून निर्माताओं के विरुद्ध दाखिल आपराधिक मामलों की नज़र के लिए एक विशेष पीठ का गठन करेगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नियुक्त पीठ करेगी याचिका पर अपना निर्णय सुनाते हुए मुख्य न्यायाधीश ने बोला कि मुख्य जिला एवं सत्र न्यायालयों के न्यायाधीश जन प्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी और तकनीकी सुविधाएं भी सुनिश्चित करेंगे

उन मामलों की सूची बनाएं जहां केस रुका हुआ है

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने उच्च न्यायालय से लंबित मामलों की सूची बनाने को कहा अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों के विरुद्ध देशभर में 5,175 मुद्दे लंबित हैं इनमें से करीब 2,116 मुद्दे यानी करीब 40 प्रतिशत पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं सबसे अधिक 1377 मुद्दे अकेले यूपी से हैं 546 मामलों के साथ बिहार दूसरे और 482 मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे जगह पर है इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बोला था कि एमपी-एमएलए पर इल्जाम तय होने के एक वर्ष के भीतर मुद्दे का निपटारा किया जाना चाहिए

23 वर्ष पुराने मुद्दे में सुरजेवाला का बचाव

सुप्रीम न्यायालय ने 23 वर्ष पुराने आपराधिक मुद्दे में वाराणसी की एमपी-एमएलए न्यायालय द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को सुरक्षा प्रदान की ये मुद्दा 2000 का है सुरजेवाला तब भारतीय युवा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे वाराणसी संवासिनी मुद्दे में कांग्रेस पार्टी नेताओं पर कथित गलत ढंग से महाभियोग चलाने के विरुद्ध बवाल करने के इल्जाम में उनके विरुद्ध मुद्दा दर्ज किया गया था

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