जिस अरबपति का आसमान में सिक्का चलता था, आज वही सलाखों के पीछे जूझ रहा कैंसर से…
मुंबई: जिस अरबपति का कभी आसमान में सिक्का चलता था, जिसका नाम कभी फोर्ब्स की लिस्ट में छपता था, आज वही अरबपति सलाखों के पीछे कैंसर से जूझ रहा है। जी हां, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को कैंसर हो गया है। मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में आरोपी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने गुरुवार को मुंबई स्थित एक विशेष न्यायालय को अपनी रोग की जानकारी दी और न्यायालय के समक्ष याचिका दाखिल कर ‘धीमी गति से बढ़ते कैंसर’ के इलाज के लिए अंतरिम जमानत देने का निवेदन किया।
विशेष न्यायालय के समक्ष नरेश गोयल ने बोला कि इस घातक कैंसर रोग का खुलासा निजी डॉक्टरों द्वारा किए गए परीक्षणों के दौरान हुआ। न्यायालय ने नरेश गोयल की चिकित्सा रिपोर्ट की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का प्रारंभिक आदेश पारित किया क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर उत्तर देने के लिए समय मांगा है।
बता दें कि पिछले महीने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने गोयल को निजी डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा परीक्षण कराने की अनुमति दी थी। अंतरिम जमानत की याचिका में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने बोला कि निजी डॉक्टरों द्वारा की गई जांच के दौरान खतरनाक रोग का पता चला। यहां जानना महत्वपूर्ण है कि जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल की पत्नी भी इन दिनों बीमार हैं। यही वजह है कि बीते दिनों स्पेशल न्यायालय ने उन्हें अपनी बीमार पत्नी से मिलने की स्वीकृति दी थी। उनकी पत्नी को भी कैंसर है।
फिलहाल, नरेश गोयल सलाखों के पीछ हैं और मुंबई के आर्थर रोड कारावास में बंद हैं। ऋण तले दबे नरेश गोयल केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित फर्जीवाड़ा मुद्दे में आरोपी हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित बैंक फर्जीवाड़ा के सिलसिले में पिछले वर्ष एक सितंबर को अरैस्ट किया था। हाल ही में उन्हें एक स्पेशल न्यायालय में पेश किया गया था। तब उन्होंने पेशी के दौरान भावुक होकर आंखों में आंसू लिए बोला था कि ‘मैं जीवन की हर आशा छोड़ चुका हूं। ऐसी स्थिति में जीने से बेहतर होता कि कारावास में ही मुझे मृत्यु आ जाए।’
आज भले ही न्यायालय में नरेश गोयल हाथ जोड़कर मरने की गुहार लगा रहे हैं, मगर एक समय था, जब इनके नाम की तूती बोलती थी। कभी इनकी कंपनी हिंदुस्तान की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन्स कंपनियों में से एक थी और इनके पास करोड़ों-अरबों का साम्राज्य था। इनकी कंपनी के विमान राष्ट्र से लेकर विदेश तक उड़ान भरते थे और कुछ वर्ष पहले तक इनके विमानों की संख्या 100 से ऊपर थी। मगर एक समय ऐसा भी आया, जब इनकी कंपनी जेट एयरवेज की हालत इतनी खराब हो गई कि ऋण के बोझ तले दबकर वर्ष 2019 में बंद हो गई। नरेश गोयल आज यह अर्श से फर्श का यात्रा देख चुके हैं।