सरकार ने प्याज की कीमत को कम करने के उद्देश्य से उठाया ये बड़ा कदम
कई दिनों से प्याज और टमाटर की बढ़ती मूल्य के कारण थाली की मूल्य पर भी असर पड़ा है। इससे आम जनता के घर का बजट भी गड़बड़ा गया है। आम जनता महंगाई की मार झेल रही है। अक्टूबर के महीने में प्याज की मूल्य 100 का आंकड़ा पार कर गई थी। इसके बाद गवर्नमेंट ने प्याज की मूल्य को कम करने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है।
बाजार में प्याज की मूल्य 70 से 80 रुपये प्रति किलो के रेट पर मिल रही है। गवर्नमेंट ने प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। गवर्नमेंट का ये निर्णय 31 मार्च 2024 तक लागू रहने वाला है। मोदी गवर्नमेंट ने प्याज की मूल्य पर काबू पाने के लिए ये निर्णय किया है।
सरकार ने प्याज की मूल्य को कम करने के लिए प्याज के निर्यात पर अगले वर्ष मार्च तक प्रतिबंध लगाया है। इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में बोला गया है कि प्याज के निर्यात की नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में डाला गया है। गवर्नमेंट के इस कदम के बाद प्याज की कीमतें अधिक लोगों को रोने नहीं देंगी।
खराब हो रहा घर का बजट
प्याज की बढ़ती मूल्य के कारण लोगों के घर का बजट भी गड़बड़ा रहा है। आम जनता प्याज की बढ़ती मूल्य से अधिक परेशान है। प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में सामान्य शाकाहारी और मांसाहारी थाली की मूल्य में वृद्धि हुई है। प्याज और टमाटर की कीमतों में मासिक आधार पर 58 फीसदी तथा 35 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण मूल्य बढ़े हैं। त्योहारी मांग और अनियमित वर्षा के कारण खरीफ के मौसम में कम उत्पादन के कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई। नवंबर में घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की मूल्य में मासिक आधार पर क्रमश: 10 फीसदी और पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई। मासिक आधार पर मुर्गियों की कीमतों में हल्की एक से तीन फीसदी की गिरावट आई।
गेंहू के लिए भी जारी की सुविधा
गेंहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र गवर्नमेंट ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया को भी बोला है कि बाजार में गेंहूं को बड़ी मात्रा में जारी किया जाए। गेंहू भरपूर मात्रा में मौजूद होने के खुदरा कीमतों पर काबू पाया जा सकता है। गेंहू और आटे की बात करें तो खुदरा बाजार में आटे का मूल्य 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।