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दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़नें से हो सकती हैं ये बीमारियां, आइए जानें…

ऐसे में स्वास्थ्य जानकारों ने चेतावनी दी है कि हवा में प्रदूषकों के संपर्क में आने से कैंसर, स्ट्रोक, श्वसन और दिल संबंधी रोंगों सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं 

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को लगातार सातवें दिन जहरीली धुंध छाई रही सुबह 7:00 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 471 दर्ज किया गया डॉक्टरों के अनुसार, किसी भी स्वस्थ आदमी के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित रोंगों से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है यहां तक ​​कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी पैदा हो सकता है 

वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध!
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डाक्टर पीयूष रंजन ने बोला कि ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध स्थापित करते हैंडॉ पीयूष रंजन ने कहा, ‘यह समझना जरूरी है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोंगों के अतिरिक्त शरीर की विभिन्न प्रणालियों को भी प्रभावित करता है प्रदूषण का हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक और गठिया जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा संबंध है हमारे पास वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के साथ इसका संबंध स्थापित करते हैं’ 

विशेषज्ञ बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी स्थिति के प्रति सचेत करते हुए भ्रूण पर दुष्प्रभाव की भी चेतावनी देते हैं डॉक्टरों के अनुसार, वायु प्रदूषण मस्तिष्क और दिल को हानि पहुंचाता है और यदि सावधानी न बरती जाए तो यह सभी उम्र समूहों में चिंता पैदा कर सकता है 

मौजूदा हालात को ‘चिकित्सा आपातकाल’ बताया
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के प्रमुख और मेदांता के निदेशक-चिकित्सा शिक्षा डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा स्थिति को ‘चिकित्सा आपातकाल’ कहा उन्होंने कहा, ‘हवा की गुणवत्ता बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में है और यह लोगों की स्वास्थ्य स्थितियों को प्रभावित कर सकती है यह एक मेडिकल आपातकालीन है जब सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे जहरीले धुएं फेफड़ों में प्रवेश करते हैं तो यह अन्य प्रणालियों को भी प्रभावित कर सकता है अस्पतालों में आपातकालीन विजिट में 20 प्रतिशत की बढोतरी हुई है

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