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मोदी सरकार की ये योजनाओं किसी वरदान से कम नहीं है…

नई दिल्लीः वर्ष 2014 से लेकर अब तक पीएम मोदी की गवर्नमेंट ने राष्ट्र में कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को हर सुविधा और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए अनेक योजनाओं की आरंभ की, जिसका लाभ जमीनी स्तर पर भी नजर आता है ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनकी सहायता से किसान अपने खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार कर रहा है, खेती करना सुलभ हो गया है और खेती में आने वाली अड़चनें भी लगभग दूर हो गई हैं इन 9 सालों में मोदी गवर्नमेंट ने राष्ट्र के युवाओं, स्त्रियों और बेरोजगारों को सशक्त बनाने के साथ-साथ किसानों के भलाई पर भी खूब ध्यान दिया है इसी कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं मोदी गवर्नमेंट के उन योजनाओं के बारे में जो किसी वरदान से कम नहीं है…

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई): 2016 में प्रारम्भ की गई, पीएमएफबीवाई किसानों को किफायती प्रीमियम पर व्यापक फसल बीमा कवरेज प्रदान करती है यह प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या रोंगों से होने वाले फसल हानि के लिए समय पर मुआवजा सुनिश्चित करता है इस योजना से लाखों किसानों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिली है, उनकी आजीविका सुरक्षित हुई है

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान): 2019 में प्रारम्भ की गई पीएम-किसान, छोटे और सीमांत किसानों की सहायता के लिए बनाई गई एक आय सहायता योजना है इस योजना के अनुसार पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये की सीधी वित्तीय सहायता मिलती है इस योजना से 120 मिलियन से अधिक किसानों को फायदा हुआ है, इससे उनकी आय में गौरतलब वृद्धि हुई है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: 2015 में प्रारम्भ की गई, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को पर्सनल मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट प्रदान करती है, जो मिट्टी के पोषक तत्वों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि और संतुलित उर्वरक के लिए सिफारिशें प्रदान करती है मुनासिब मृदा प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देकर, इस योजना ने पैदावार को अनुकूलित किया है, इनपुट लागत को कम किया है और कृषि भूमि में मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाया है

प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई): 2015 में प्रारम्भ की गई, पीएमकेवीवाई का उद्देश्य किसानों और ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा कार्यान्वित इस योजना ने 40 मिलियन से अधिक किसानों और ग्रामीण युवाओं को जरूरी कृषि कौशल से लैस करके, उत्पादकता में सुधार और रोजगार के अवसर पैदा करके उन्हें सशक्त बनाया है

परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई): 2015 में प्रारम्भ की गई, पीकेवीवाई जैविक खेती प्रथाओं और पारंपरिक और स्वदेशी उपायों को अपनाने को बढ़ावा देती है वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन के माध्यम से, यह योजना किसानों को जैविक खेती प्रमाणीकरण, टिकाऊ कृषि, बेहतर मिट्टी की उर्वरता और स्वस्थ कृषि पद्धतियों में सहयोग देने के लिए प्रोत्साहित करती है

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