खुद को कागज में जिंदा साबित करने के लिए सालों तक कोर्ट कचहरी चक्कर काटती ये महिला
। आपको वर्ष 2021 में आई पंकज त्रिपाठी की मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री फिल्म कागज तो याद होगी। इसमें भरत लाल का रोल करने वाले अदाकार पंकज त्रिपाठी स्वयं को कागज में जिंदा साबित करने के लिए वर्षों तक न्यायालय न्यायालय से लेकर अनेक दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। कुछ इसी प्रकार की कहानी सागर जिले से भी सामने आई है, जहां पिछले 19 वर्ष से एक 59 वर्षीय स्त्री कागज पर स्वयं को जिंदा साबित करने के लिए पंचायत से लेकर एसडीम, कलेक्टर, कमिश्नर और विधायक के यहां गुहार लगा चुकी है, लेकिन कोई कठिनाई का निवारण नहीं हो रहा है। इस प्रमाण पत्र की वजह से स्त्री को ना तो अनुकंपा नियुक्ति, ना पीएफ और ना ही किसी प्रकार की सरकारी योजना का फायदा मिल रहा है। वह पिछले कई वर्षों से दूसरे लोगों के सहारे जीने पर विवश है।
दरअसल रील और रियल लाइफ की इस कहानी में फर्क इतना है कि भरत लाल लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार स्वयं को कागज में जिंदा घोषित करवा लेते हैं। जबकि सागर की यह बुजुर्ग स्त्री का चेहरे पर बढ़ती झुर्रियों के साथ संघर्ष और भी लंबा होता जा रहा है, लेकिन हालात ज्यों के त्यों हैं।
59 वर्ष की स्त्री का 40 वर्ष पहले का है प्रमाण पत्र
सागर के सदर में रहने वाली 59 वर्षीय स्त्री सुमन सिंह ठाकुर के पति मुलायम सिंह अनूपपुर जिले में कोल माइंस खदान में फाइटर के पद पर काम करते थे। 2003 में रोग के चलते उनका मृत्यु हो गया। अब परिवार के सामने गुजर बसर करने की चुनौती थी। बेटे राहुल की उम्र बहुत कम थी, जिसके चलते मां ने स्वयं अनुकंपा नियुक्ति के लिए लागू किया। यहां से स्त्री को पैरों तले से जमीन किसका देने वाला एक कागज मिला, जिसके अनुसार उसकी मौत 40 वर्ष पहले साल 1983 में हो चुकी है। इसकी घोषणा मकरोनिया ग्राम पंचायत के द्वारा की गई थी। ऐसा मौत प्रमाण पत्र वर्ष 2004 में जारी किया गया था। उसी समय से स्त्री सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही है, ताकि उसका मौत प्रमाण पत्र खारिज हो जाए। इस पत्र की वजह से स्त्री को अनुकंपा नियुक्ति तो मिला ही नहीं, साथ ही शासन की भी किसी भी योजना का फायदा उसे नहीं मिल पा रहा है। मां बेटे दूसरे के घर में रहकर अपने दिन गुजार रहे हैं। बेटा दूसरे लोगों के मजदूरी करने के लिए विवश है। मां और बेटे ने न्यायालय में भी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, लेकिन कागज आज भी ज्यों के त्यों है।
अधिकारियों को अभी तक मुद्दे की जानकारी ही नहीं
इस मुद्दे में एक तरफ जहां जनपद और नगर पालिका के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। हालांकि सागर कलेक्टर दीपक आर्य का बोलना है कि मुद्दे की जानकारी आई है। संबंधित विभाग के ऑफिसरों को जांच करने के लिए कहा है।