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आज दिल्ली का एक्यूआई 327 के साथ बेहद खराब श्रेणी में…

Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है लोगों के लिए प्रदूषण बड़ा खतरा बनता जा रहा है इस वजह से लोगों को आंखों में जलन की परेशानी और सांस लेने में परेशानी होने लगी है, क्योंकि कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है आज (31 दिसंबर) भी दिल्ली का एक्यूआई 327 के साथ बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है इस वजह से स्मॉग की चादर ने शहर को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया है और आसमान पर धूल के गुबार छाए हुए हैं इससे पहले सोमवार सीजन का सबसे प्रदूषित दिन रहा और एक्यूआई 347 दर्ज किया गया

एनसीआर के इलाकों में भी हवा बहुत खराब

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ ही एनसीआर के इलाकों में भी वायु गुणवत्ता खराब है और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गाजियाबाद में एक्यूआई 272, फरीदाबाद में 300, गुरुग्राम में 203, नोएडा में 303 और ग्रेटर नोएडा में 336 था वहीं, दिल्ली के रोहिणी में एक्यूआई 406, वजीरपुर में 416 और मुंडका में 414 दर्ज किया गया

दिल्ली-NCR में कब मिलेगी प्रदूषण से राहत?

दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, हवा की गुणवत्ता कुछ और दिनों तक ‘बहुत खराब’ रहने की आसार है सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली-एनसआर के लोगों को अगले कुछ दिनों तक इसमें कमी आने की आशा नहीं है मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, 2 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खराब से बहुत खराब श्रेणी में रहेगा इसके बाद वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार तो आएगा, लेकिन बहुत कम सुधार होगा 2 नवंबर तक AQI लगातार खराब से बहुत खराब श्रेणी के बीच दर्ज किया जाएगा इसके बाद लोगों को हल्की राहत मिलने के आसार हैं

कब कितना घातक होता है वायु प्रदूषण का स्तर?

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यदि वायु गुणवत्ता (AQI) शून्य से 50 के बीच रहे तो इसे ‘अच्छा’ माना जाता है यदि एक्यूआई 51 से 100 के बीच रहे तो इसे ‘संतोषजनक’ और 101 से 200 के बीच एक्यूआई को ‘मध्यम’ माना जाता है यदि एक्यूआई 201 से ऊपर चला जाए और 300 तक रहे तो इसे ‘खराब’, एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहे तो ‘बहुत खराब’ और यदि एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच जाए तो इसे ‘गंभीर’ माना जाता है दिल्ली-एनसीआर में हवा की गति धीमी होने और तापमान में गिरावट के कारण वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है

पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई: सीएक्यूएम

पंजाब और हरियाणा में 15 सितंबर के बाद पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कमी आई है केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने में लगभग 56 फीसदी और हरियाणा में 40 फीसदी की कमी आई है सीएक्यूएम के अनुसार, 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच की अवधि में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) इलाकों में 2022 में पराली जलाने की 13,964 घटनाएं हुई थीं जो 2023 में घटकर 6,391 हो गईं सीएक्यूएम ने बोला कि 2021 की इसी अवधि में पराली जलाने के 11,461 मुद्दे आए थे

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