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असम में नौकरी के बदले नकद घोटाला मामले में दो पुलिस अधिकारियों को किया गया गिरफ्तार

असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) द्वारा प्रशासित 2013 की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा से जुड़े जॉब के बदले नकद भ्रष्टाचार मुद्दे में कथित संलिप्तता के लिए असम में दो पुलिस ऑफिसरों को अरैस्ट किया गया है.

कथित घोटाले की जांच के लिए असम गवर्नमेंट द्वारा पिछले वर्ष मई में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्थापना की गई थी. ये दोनों पुलिस अधिकारी एसआईटी की आखिरी रिपोर्ट में नामित 34 उच्च पदस्थ सरकारी कर्मचारियों में से थे, जो पिछले महीने कैश-फॉर-जॉब योजना में संदिग्धों के रूप में दाखिल की गई थी.

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार रात दो पुलिस ऑफिसरों शाहजहां गवर्नमेंट और ऐश्वर्या जीवन बरुआ को अरैस्ट किया. उन्हें गुरुवार को पूछताछ के लिए गुवाहाटी लाया जाएगा.

दोनों पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर कार्यरत हैं.

पुलिस के अनुसार बरुआ और गवर्नमेंट अरैस्ट होने वाले 34 लोगों में से पहले हैं.

इस घोटाले का खुलासा 2016 में हुआ था, जब एपीएससी के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल को डिब्रूगढ़ पुलिस ने उस क्षेत्र में उनके विरुद्ध दाखिल एक कम्पलेन के उत्तर में अरैस्ट किया था. इसके बाद असम पुलिस ने लगभग 70 राज्य गवर्नमेंट के ऑफिसरों को हिरासत में लिया.

21 मार्च को राज्य विधानसभा के समक्ष एक प्रश्न के उत्तर में, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बोला कि 2013, 2015 और 2016 में असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 60 सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध जांच चल रही है.

सरमा के अनुसार, उनमें से 57 को उनके पद से हटाए जाने से पहले अरैस्ट किया गया था. उनमें से तीन ने सरकारी अनुमोदक बनने के लिए सहमति व्यक्त की.

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