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केंद्रीय मंत्री ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करते हुए कहा…

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ‘डीपफेक’ और भ्रामक सूचना के मामले से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की मंगलवार को सोशल मीडिया मंचों के साथ समीक्षा करते हुए बोला कि अगले दो दिन में सौ फीसदी अनुपालन को लेकर परामर्श जारी कर दिया जाएगा. सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बोला कि सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना और औनलाइन उपयोगकर्ताओं के विश्वास एवं सुरक्षा पर गवर्नमेंट का विशेष ध्यान है.

उन्होंने कहा, ‘भ्रामक सूचनाओं और डीपफेक पर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ दूसरी बैठक हुई जिसमें पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की गई. कई मंच पहली बैठक में लिए गए फैसलों का पालन कर रहे हैं और अगले दो दिन में 100 फीसदी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए परामर्श जारी कर दिया जाएगा.’ ‘डीपफेक’ का आशय छेड़छाड़ की गई मीडिया सामग्री से है. इसमें किसी भी आदमी को गलत ढंग से पेश करने या दिखाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) की सहायता से डिजिटल हेराफेरी की जाती है और उसे बदल दिया जाता है.

सुरक्षा को लेकर पूरा कदम उठाने के आदेश
हाल ही में कुछ फिल्म कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. उसके बाद छेड़छाड़ की गई सामग्री और नकली आख्यान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी एवं उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर गवर्नमेंट सावधान हो गई है. इस बीच, सूत्रों ने बोला कि गवर्नमेंट ने सोशल मीडिया कंपनियों को कड़े शब्दों में बता दिया है कि उन्हें उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर पूरा कदम उठाने होंगे.

24 नवंबर को भी सोशल मीडिया प्रतिनिधियों के साथ की थी बैठक
सरकार ने बोला है कि सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अनुसार चिह्नित 11 ‘उपयोगकर्ताओं को नुकसान’ या ‘गड़बड़ियां’ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों में भी समाहित हैं. ऐसे में मौजूदा कानूनों के अनुसार भी आपराधिक प्रावधानों का सामना करना होगा. इसके पहले चंद्रशेखर ने 24 नवंबर को भी सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. उन्होंने कंपनियों को डीपफेक मामले पर निर्णायक कार्रवाई करने और इस्तेमाल की शर्तों को नियमों के अनुरूप ढालने के लिए सात दिन का समय दिया था.

जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के संकेत
सूत्रों के मुताबिक, पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति का आकलन करने के लिए मंगलवार को सोशल मीडिया मंचों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें यह तथ्य सामने आया कि कुछ मंचों ने सरकारी निर्देशों का अनुपालन कर लिया है जबकि ऐसा कर पाने में असफल रहे कुछ मंचों को अतिरिक्त समय दिया गया है. गवर्नमेंट ने बैठक में यह साफ कर दिया कि वह उपयोगकर्ता को हानि के संदर्भ में अपना ‘शून्य सहनशीलता’ वाला नजरिया जारी रखेगी. इस मामले के आकलन के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के साथ एक सप्ताह में आखिरी बैठक की जाएगी.

सरकार नए या संशोधित नियम भी जारी कर सकती है

सूत्रों के मुताबिक, जहां कई सोशल मीडिया मंच हालात की आवश्यकता को समझते हुए तेजी से इसे अपना रहे हैं वहीं कुछ मंचों ने इसमें सुस्ती दिखाई है. बैठक में गवर्नमेंट ने बोला कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता को हानि पहुंचाने के आपराधिक रिज़ल्ट हो सकते हैं और मौजूदा कानूनों में भी इस तरह के अपराधों के लिए इनका प्रावधान किया गया है. गवर्नमेंट सात दिन में इसकी समीक्षा करेगी कि क्या सोशल मीडिया कंपनियों के लिए राय पर्याप्त होगी या उन्हें नए या संशोधित नियम जारी करने होंगे.

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