‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से इन 18 ट्रेड्स से संबंधित ‘विश्वकर्मा’ को होगा लाभ
लखनऊ: पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) को यूपी में वृहद स्तर पर लागू किए जाने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री योगी और यूपी गवर्नमेंट (Yogi government) के निर्देश पर 17 सितंबर से प्रारम्भ हो रही इस योजना में प्रदेश से अधिक से अधिक ‘विश्वकर्मा’ को जोड़ने के लिए कोशिश किए जा रहे हैं। इसके अनुसार 18 ट्रेड्स से जुड़े ‘विश्वकर्मा’ को फायदा दिए जाने की योजना है।
सबसे जरूरी बात ये है कि इन सभी ट्रेड्स में ‘विश्वकर्मा’ का कौशल निखारने के लिए प्रदेश गवर्नमेंट कौशल विकास मिशन के भीतर मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से ट्रेनिंग दिलाएगी। बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग के दौरान ‘विश्वकर्मा’ को गवर्नमेंट की ओर से स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पीएम विश्वकर्मा योजना की जानकारी सबसे पहले फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2023 को अपने बजट स्पीच में किया था। इसके बाद 15 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इस योजना के शुरुआत का घोषणा किया था।
दी जाएगी बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग
योगी गवर्नमेंट ने पीएम विश्वकर्मा योजना को प्रदेश में लागू करने के साथ ही ‘विश्वकर्मा’ के कौशल को निखारने की भी योजना बनाई है। इसी क्रम में गवर्नमेंट ने कौशल विकास मिशन को सभी 18 ट्रेड्स में लाभ पाने वाले ‘विश्वकर्मा’ को ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार लाभ पाने वाले ‘विश्वकर्मा’ के कौशल सत्यापन के बाद उन्हें 5 दिन की बेसिक ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इसके बाद 10 फीसदी ‘विश्वकर्मा’ को उनके क्षेत्र में और बेहतर प्रदर्शन के लिए एडवांस लेवल की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी। एडवांस ट्रेनिंग में उन्हें समय के मुताबिक ग्राहकों की बदलती डिमांड के मुताबिक उत्पाद तैयार करने और उसे निखारने की नई-नई तकनीकों से रूबरू कराया जाएगा। दिलचस्प बात ये है कि सभी ‘विश्वकर्मा’ को ट्रेनिंग स्टाइपेंड भी मिलेगा जो कि रोजाना 500 रुपए होगा। योगी गवर्नमेंट की योजना के मुताबिक 30 लाख ‘विश्वकर्मा’ को बेसिक ट्रेनिंग और 3 लाख को एडवांस ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है।
डिजिटल लेंन-देंन के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
यही नहीं बेसिक ट्रेनिंग लेने वाले 30 लाख ‘विश्वकर्मा’ को टूलकिट इंसेंटिव के लिए 15 हजार रुपए ई-वाउचर या ई रूपी के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही डिजिटल लेंन-देंन के लिए भी इन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रति माह अधिक से अधिक 100 डिजिटल लेंन-देंन पर प्रति लेंन-देंन एक रुपए का इंसेंटिव भी दिया जाएगा। गवर्नमेंट ने इस योजना के क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, एडवरटाइजिंग, पब्लिसिटी और दूसरी मार्केटिंग पहलों के लिए 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।
ट्रेनिंग और ट्रेनिंग सेंटर की होगी मॉनिटरिंग
योजना के मुताबिक सबसे पहले सभी 18 ट्रेड्स में कौशल निखारने के लिए कौशल की पहचान और मुख्यालय या ब्लॉक लेवल पर ट्रेनिंग सेंटर तैयार किए जाएंगे। सेंटर में बोर्डिंग और लॉजिंग की प्रबंध के साथ ही ‘विश्वकर्मा’ को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए लोकल इंडस्ट्रीज के मास्टर ट्रेनर्स का चयन किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विश्वकर्मा स्किल वेरिफिकेशन और बेसिक ट्रेनिंग के लिए मौजूद रहें और इसे पूरा भी करें। ट्रेनिंग और ट्रेनिंग सेंटर्स की जिला और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। यही नहीं, एक कॉनवोकेशन के माध्यम से सभी विश्वकर्मा को सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इस कॉनवोकेशन में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
इन 18 ट्रेड्स से संबंधित ‘विश्वकर्मा’ को होगा फायदा
1. बढ़ई (सूतार)
2. नाव निर्माता
3. शस्त्र निर्माता
4. लोहार
5. हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
6. ताला साज़
7. सुनार
8. कुम्हार
9. मूर्तिकार, स्टोन ब्रेकर
10.मोची
11. राजमिस्त्री
12. टोकरी, चटाई और झाड़ू बुनकर
13. पारंपरिक खिलौना बनाने वाले
14. नाई
15. मालाकार
16. धोबी
17. दर्जी
18. मछली जाल निर्माता