कोरोना काल में ठप हुआ कारोबार, तो सब्जी विक्रेता बन गया शातिर ठग
कोरोनाकाल में कारोबार क्या ठप हुआ कि सब्जीवाला शातिर ठग बन गया और उसने 6 महीने के अंदर-अंदर लोगों को विश्वासघात देकर 21 करोड़ रुपये ठग लिए। पुलिस ने इस महाठगी के इल्जाम में 27 वर्षीय सब्जी विक्रेता ऋषभ शर्मा को अरैस्ट किया है। पुलिस के मुताबिक, उसने फर्जी वर्क-फ्रॉम-होम नौकरियों का झांसा 10 राज्यों में लोगों को चूना लगाया। पुलिस ने कहा कि फर्जीवाड़ा के 37 मामलों में वह सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था, वहीं 855 अन्य मामलों में भी उसकी किरदार का पता चला है।
उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी रोक मिश्रा ने बताया, ‘कुछ वर्ष पहले, ऋषभ फरीदाबाद में सब्जियां और फल बेचता था। ज्यादातर दूसरे कारोबारियों की तरह, कोविड महामारी के दौरान उसे भी भारी हानि हुआ और उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ा। अगले कुछ महीनों तक उसने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए विभिन्न WFH प्रस्तावों का सहारा लिया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘फिर ऋषभ की मुलाकात एक पुराने दोस्त से हुई जो पहले से ही औनलाइन फर्जीवाड़ा में शामिल था। जब से उसने फर्जीवाड़ा करना प्रारम्भ किया, सिर्फ़ छह महीने में ही उसने 21 करोड़ रुपये कमा लिए।’ उसका ताज़ा शिकार देहरादून का एक व्यवसायी था, जिससे उसने 20 लाख रुपये ठग लिए थे। लहाल, शख्स को अरैस्ट कर लिया गया है। गिरफ्तारी 28 अक्टूबर को की गई थी।
शुरुआत में उस व्यवसायी 10,000 रुपये दिए गए। दूसरी बार भी उसे पैसे भेजे गए। इसके बाद उस व्यवसायी निवेश बढ़ाने के लिए कहा और इस तरह निवेश की धनराशि बढ़ती चली गई। जब भी वह व्यवसायी रिटर्न को लेकर बात करता तो उन्हें झांसा दिया जाता कि कुछ ही महीनों में ये सारा पैसा डबल हो जाएगा। हालांकि जब तक उन्हें संदेह हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी और वो 20 लाख रुपये दे चुके थे।
पुलिस के अनुसार ऋषभ किसी भी आदमी को ऐसे ही टेलीफोन लगा देते और पैसे का लालच देकर फंसाते। ऋषभ की बैंक डिटेल्स को जब ट्रेस किया गया तो उनकी लोकेशन गुरुग्राम पाई गई। जो भी ऋषभ की कॉल उठाता वो इनवेस्टमेंट स्कैम में फंस जाता। ऋषभ ने अपना सारा पैसा क्रिप्टो की फॉर्म में चीन भेज दिया था। वह एक इंटरनेशनल गैंग का एजेंट था, जिनके पास वास्तविक मास्टरमाइंड की कोई इंफॉर्मेशन नहीं रहती है।’