राष्ट्रीय

जाने कब-कब नीतीश कुमार ने बदले अपने साथी…

पटना: ‘बिहार में बाहर है, यहां नीतीश कुमार है’, यह नारा पिछले कई सालों से राज्य की राजनीति में चला आ रहा है बोला जाता रहा है कि यहां चुनाव में कोई भी जीते, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तो सिर्फ़ और सिर्फ़ नीतीश कुमार ही बैठेंगे यह बात सच भी है नीतीश कुमार पहली बार वर्ष 2000 में बिहार के सीएम बने, लेकिन वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए और सात दिन के अंदर ही उन्होंने त्याग-पत्र दे दिया था

इसके बाद नवंबर 2005 से राज्य के मुखिया की कुर्सी पर बैठे और तब से बैठे हुए हैं हालांकि बीच में कुछ समय के लिए जीतन राम मांझी भी सीएम बनाए गए थे, लेकिन वास्तविक पॉवर उन्हीं के ही हाथ में थी हालांकि इन 19 सालों में एक बात यह भी समान रही है कि नीतीश कुमार ने कई बार अपने मन बदला है उन्होंने अपने साथी बदले हैं, लेकिन बस उन्होंने अपना पद नहीं बदला उनके नाम के आगे हमेशा ही सीएम लगा ही रहा अब एक बार फिर बोला जा रहा है कि नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने वाले हैं सूत्रों के अनुसार, वह एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं

बीजेपी और जेडीयू के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंचे

बिहार की राजधानी पटना में जबरदस्त हलचल मची हुई है भाजपा और जेडीयू के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं बैठकों का दौर प्रारम्भ हो चुका है बोला जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही आरजेडी और कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन तोड़कर एनडीए के साथ जाने का घोषणा कर सकते हैं हालांकि यह पहली बार नहीं होगा कि नीतीश कुमार पाला बदल रहे हों उन्होंने अपने साथी बदलने की आरंभ वर्ष 2013 में की थी और तब से वह तीन बार पाला बदल चुके हैं और यदि इस बार भी वह ऐसा करते हैं तो यह चौथा मौका होगा

 साल 2013 में एनडीए से अलग हुए थे नीतीश

सबसे पहले वह वर्ष 2013 में एनडीए से अलग हुए थे भाजपा ने उस समय नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था इससे नाराज होकर उन्होंने भाजपा से 17 वर्ष पुराना गठबंधन समाप्त कर लिया था इसके बाद आरजेडी और कांग्रेस पार्टी पर हमलावर रहे नीतीश कुमार ने वर्ष 2015 में इन दोनों दलों के साथ महागठबंधन बनाया और चुनाव लड़ा

2017 में महागठबंधन से तोड़ा नाता 

चुनाव में इस गठबंधन को जीत मिली लेकिन वर्ष 2017 में एक बार फिर से नीतीश कुमार का मन बदला और लालू यादव और उनके परिवार पर लगे करप्शन के आरोपों के बाद उन्होंने यह गठबंधन तोड़ दिया वह एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो गए इस बार उन्होंने 2019 का लोकसभा और 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली लेकिन 2022 में नीतीश कुमार का मन फिर से बदला और वह एक बार फिर से एनडीए से अलग हो गए

2022 में फिर से महागठबंधन में आए नीतीश कुमार

एनडीए से अलग होने के बाद वह आरजेडी, कांग्रेस पार्टी और वामदलों के महागठबंधन में शामिल हुए और आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली वहीं अब जिस तरह की चर्चाएं चल रही हैं, उससे यह बोला जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से अपना मन बदल सकते हैं और एनडीए में शामिल हो सकते हैं फ़िलहाल यह अभी सिर्फ़ चर्चाएं हैं सच्चाई सिर्फ़ और सिर्फ़ नीतीश कुमार ही जानते हैं क्योंकि नीतीश कुमार तो नीतीश कुमार हैं

Related Articles

Back to top button