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क्या हर बार ठंड में सितम ढाएगा कोरोना, JN.1 की स्पीड ने बजाया खतरे की घंटी

 क्रिसमस आ चुका है और न्यू ईयर आने में अधिक दिन नहीं बचे हैं लोगों ने अपनी छुट्टियां प्लान कर ली हैं पैकिंग भी हो चुकी है लेकिन तेजी से फैल रहे कोविड-19 और उसके सब-वेरिएंट JN.1 ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है लोग भले ही हिल स्टेशन्स का रुख कर रहे हैं लेकिन इससे Covid-19 के फैलने के चांस और बढ़ रहे हैं जबकि राष्ट्र के कई राज्यों में लोग बीमार पड़ रहे हैं और उनमें कमोबेश वही लक्षण नजर आ रहे हैं, जो हम सब अतीत में देख चुके हैं

महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के कुल मिलाकर 28 नए मुद्दे दर्ज किए गए नए वेरिएंट JN.1 का एक भी मुकदमा आज दर्ज नहीं हुआ पूरे राज्य भर में अभी अभी JN.1 वेरिएंट के 10 सक्रिय मुकदमा हैं लेकिन अब प्रश्न उठ रहा है कि क्या Covid-19 विंटर बग यानी ठंड वाली रोग बनता जा रहा है यदि पिछले कुछ सालों पर नजर घुमाएं तो यह सच नजर आता है खासकर ठंड के महीने में Covid-19 अचानक तेजी से फैलता है और इसमें वही लक्षण देखने को मिलते हैं जो सीजनल फ्लू और बाकी कम प्रचलित वायरस के होते हैं एक्सपर्ट्स का भी बोलना है कि Covid-19 अब विंटर बग की तरह हमारे बीच रहेगा

क्यों ठंड में सक्रिय होता है कोविड?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, साइंटिफिक स्टडीज कहती हैं कि ठंडा तापमान और शुष्क हवा रेस्पिरेटरी वायरस की स्टेबिलिटी और ट्रांसमिशन के लिए पॉजिटिव माहौल बनाते हैं, जिस वजह से सर्दियों के दिनों में Covid-19 अचानक तेजी से बढ़ने लगता है इससे उसको म्यूटेट होने में सहायता मिलती है Covid-19 से पीड़ित शख्स के खांसने से एयरोसॉलिस्ड पार्टिकल निकलते हैं, जो हवा में देर तक रहते हैं इस कारण एक स्वस्थ आदमी भी बीमार हो सकता है

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, Covid-19 में इनक्यूबेशन पीरियड और बिना किसी लक्षण के फैलने की खासियत के कारण ही यह ठंड के मौसम में और तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता है वर्ष 2020 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, यदि ह्यूमि़डिटी में एक फीसदी की भी गिरावट होती है तो Covid-19 के मामलों में 6 फीसदी का बढ़ोत्तरी हो सकता है

ठंड में ही आई थी दूसरी-तीसरी लहर

ये इस तरह से साबित होता है कि हिंदुस्तान में दूसरी (2021) और तीसरी लहर (2022) दिसंबर और मार्च के बीच आई, जब राष्ट्र भर में तापमान कम था ओमीक्रॉन का JN.1 सब-वेरिएंट भी अब फैल रहा है इसके अतिरिक्त किसी आदमी का इम्यूनिटी सिस्टम कैसा है, यह भी निर्भर करता है कि कोविड-19 कैसा असर दिखाएगा इन म्यूटेशन्स के कारण नए वेरिएंट्स पनपते हैं, जिस कारण ठंड में ये तेजी से फैलते हैं और लोगों को बीमार बना देते हैं JN.1 की तुलना जब उसकी मूल वंशावली से की गई तो उसमें एक एक्स्ट्रा स्पाइक म्यूटेशन मिला एचके.3 जैसे वेरिएंट में ईजी.5.1 वेरिएंट की तुलना में इम्यूनिटी से बचने की क्षमता भी होती है

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