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योगी सरकार और विपक्ष आमने सामने नहीं बल्कि एनडीए के खिलाफ नए इंडिया गठबंधन के…

INDIA Alliance:  बेमेल विचारों का मिलन उस सर्पीली नदी की तरह है जिसके किनारे मिलते हुए नजर आते हैं लेकिन मिलते नहीं लोकतांत्रिक सिस्टम में भिन्न भिन्न सियासी दल कुछ खास विचार के साथ राजनीतिक पिच पर बैटिंग और बॉलिंग करते हैं जिसका मकसद सत्ता हासिल करना होता है, जिसकी बैटिंग और बॉलिंग दोनों दुरुस्त है वो राज करता है इन सबके बीच यहां हम बात करेंगे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की जो चर्चा के केंद्र में है वैसे तो चुनाव मध्य प्रदेश में होने जा रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ गया है यहां आप चौंक सकते हैं कि क्या योगी गवर्नमेंट और विपक्ष एक दूसरे के आमने सामने हैं या वजह कुछ और योगी गवर्नमेंट और विपक्ष आमने सामने नहीं हैं बल्कि एनडीए(nda) के विरुद्ध नए कलेवर में इण्डिया गठबंधन(india alliance) के घटक दल जहर उगल रहे हैं

सीट बंटवारे के मामले पर टकराव बढ़ा

मामला मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव(madhya pradesh assembly elections 2023) में सीट बंटवारे से जुड़ा है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव(samajwadi president akhilesh yadav) ने बोला था कि यदि पता रहा होता कि इण्डिया में घटक दलों का रिश्ता राष्ट्रीय स्तर पर है तो अपने नेताओं को बात करने के लिए मध्य प्रदेश नहीं भेजते दरअसल, सीट बंटवारे में कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को इग्नोर कर दिया जिसके बाद बयानों का दौर जारी है, अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजय राय(up congress president ajay rai) को चिरकुट बता डाला अखिलेश के इस विशेषण पर अजय राय ने प्रतिक्रिया देते हुए बोला कि वो लोग तो बहुत बड़े नेता हैं वो किसी की जमानत बरामद करा सकते हैं, उनमें यह क्षमता नहीं कि वो उनके बारे में कुछ कहें अजय राय ने बोला था कि जहां तक सीटों के बंटवारे की बात है तो समाजवादी पार्टी ने ही जल्दबाजी की हम लोग तो 6 से सात सीट देने के लिए तैयार थे लेकिन सीटों के बंटवारे से पहले ही उन्होंने अपने प्रत्याशियों के नाम का घोषणा कर दिया इन सबके बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बयान जारी कर दिया

 अरे छोड़िए अखिलेश वखिलेश को-कमलनाथ

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष  कमलनाथ (madhya pradesh congress president kamanath) ने बोला कि अरे छोड़िए अखिलेश वखिलेश को उन्होंने बोला कि हम पूरे उत्साह से जमीन पर भाजपा के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं आज समय इस तरह की बातों की स्थान मिलजुलकर भाजपा को हराने की है इन सबके बीच शुक्रवार को ही अखिलेश यादव ने फिर बोला था कि हमें 6 सीट की आशा थी ऐसा लगा कि कम से कम चार सीटें तो मिल ही जाएंगी लेकिन हद हो गई जब हमारी सीटिंग सीट पर भी कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार को उतार दिया

क्या कहते हैं जानकार

जानकारों का बोलना है कि आप सबको पता है कि गवर्नमेंट बनाने के लिए संख्या बल की आवश्यकता होती है अब संख्या बल की लड़ाई में सियासी दल किसी से समझौता नहीं करना चाहते हैं अपने साझा सियासी विरोधी के विरुद्ध वो मंचों से, मीडिया के जरिए बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन असल मामला यानी जब टिकटों के बंटवारे की बात आती है तो वो कन्नी काटते नजर आते हैं, आपने देखा भी होगा कि किस तरह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक फॉर्मूला पेश किया था, उस फॉर्मूले का सार यही था कि कांग्रेस पार्टी को उन मुश्किल सीटों पर भाजपा से सामना करना पड़ता जहां उसकी स्थिति पहले से ही कमजोर रही है, सैद्धांतिक तौर पर इण्डिया गठबंधन के नेता एनडीए की मुखालफत तो करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर जहां वे अपने आपको मजबूत समझते हैं वहां सहयोगियों को सीट नहीं देना चाहते कुल मिलाकर आप यह मान सकते हैं सत्ता की लड़ाई में इण्डिया के घटक दल सीटों के बलिदान से समझौता नहीं करना चाहते

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