वर्ल्ड कप के बीच ICC ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को किया सस्पेंड
वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद श्रीलंकाई टीम की हालत अच्छी नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को उनके क्रिकेट बोर्ड पर प्रतिबंध लगा दिया। श्रीलंकाई क्रिकेट को पूरे बोर्ड में सियासी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा है। 1996 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम अब फिसड्डी टीम बन गई है। न तो खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान पर प्रदर्शन कर पाते हैं और न ही बोर्ड के सदस्य क्रिकेट का संचालन ठीक से कर पाते हैं।
जिम्बाब्वे द्वारा 2019 में सरकारी हस्तक्षेप के कारण क्रिकेट को निलंबित करने के बाद पिछले चार सालों में एसएलसी आईसीसी द्वारा निलंबित किया जाने वाला दूसरा पूर्ण सदस्य है। हालाँकि, जिम्बाब्वे में सभी क्रिकेट गतिविधियाँ अचानक बंद कर दी गईं। इसके अतिरिक्त फंडिंग पर भी रोक लगा दी गई। बाद में जिम्बाब्वे क्रिकेट को बहाल कर दिया गया। श्रीलंकाई मुद्दे में आईसीसी सावधानी से आगे बढ़ेगी।
आईसीसी ने क्या कहा?
आईसीसी ने एक बयान में बोला कि “आईसीसी बोर्ड ने आज बैठक की और फैसला लिया कि श्रीलंका क्रिकेट एक सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का गंभीर उल्लंघन कर रहा है, विशेष रूप से अपने मामलों को स्वायत्त रूप से प्रबंधित करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि शासन में कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं है।” नहीं, विनियमन और प्रशासन। निलंबन की शर्तें आईसीसी बोर्ड द्वारा मुनासिब समय पर निर्धारित की जाएंगी।”
अब आगे क्या होगा?
माना जाता है कि आईसीसी ने एसएलसी को अपना फैसला बता दिया है और उन्हें कहा है कि 21 नवंबर को आईसीसी बोर्ड की बैठक में अगले कदम पर निर्णय किया जाएगा।
कहां से प्रारम्भ हुई बात?
वर्ल्ड कप में जब लंकाई टीम हिंदुस्तान के विरुद्ध 55 रन पर आउट हो गई तो राष्ट्र के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने सोमवार (6 नवंबर) को नेशनल क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त कर दिया। बड़े पैमाने पर करप्शन के आरोपों को लेकर रणसिंघे का कई महीनों से श्रीलंका क्रिकेट के साथ मतभेद चल रहा है। रणसिंघे के कार्यालय ने एक बयान में बोला कि राष्ट्र के 1996 विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा को नया अंतरिम बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कोर्ट ने बोर्ड को बहाल कर दिया
इसके बाद ड्रामा जारी रहा। श्रीलंका की अपील न्यायालय ने राष्ट्र के क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त करने के खेल मंत्री के निर्णय को पलट दिया और पूरी सुनवाई होने तक अगले दिन (7 नवंबर) अपदस्थ ऑफिसरों को बहाल कर दिया। इसके बाद मुद्दा इतना बढ़ गया कि न्यायालय के निर्णय को पलटने की तैयारी होने लगी।
संसद में प्रस्ताव की तैयारी
श्रीलंका के मंत्री और मुख्य सरकारी सचेतक प्रसन्ना रणतुंगा ने बोला है कि गवर्नमेंट और विपक्ष श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) पदाधिकारियों को हटाने के लिए संसद में एक संयुक्त प्रस्ताव पेश करेंगे। यह श्रीलंका के बढ़ते क्रिकेट संकट को खुलासा करता है, जो आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में श्रीलंकाई टीम के खराब प्रदर्शन के बाद और भी बदतर हो गया है। खासतौर पर हिंदुस्तान के विरुद्ध मिली हार के बाद, जिसमें टीम 358 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 55 रन पर आउट हो गई थी।