प्रधानमंत्री मोदी ने 37वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करते हुए कहा…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां 37वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करते हुए बोला कि गवर्नमेंट ने पिछले नौ सालों में खेलों पर खर्च तीन गुना बढ़ाया और दोहराया कि हिंदुस्तान 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करते हुए मोदी ने बोला कि गोवा में इन खेलों का आयोजन तब किया जा रहा है जब भारतीय खेल नयी ऊंचाइयां छू रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘हमने खिलाड़ियों को वित्तीय फायदा दिलाने के लिए योजनाओं में परिवर्तन किया है।’ उन्होंने बोला कि आईओसी के सत्र के दौरान मैंने 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की आकांक्षा को सामने रखा है। मैंने ओलंपिक की सुप्रीम कमेटी को आश्वस्त किया है कि हिंदुस्तान 2030 में यूथ ओलंपिक और 2036 में ओलंपिक के आयोजन के लिए तैयार है। ओलंपिक के आयोजन के लिए हमारी आंकाक्षा भावनाओं तक सीमित नहीं है, इसके पीछे ठोस कारण है। 2036 तक हिंदुस्तान दुनिया की अग्रणी आर्थिक ताकतों में से एक होगा। उस समय तक हर भारतीय की आय कई गुना अधिक होगी। तब तक राष्ट्र में एक बड़ा मध्यवर्ग होगा। स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हिंदुस्तान का तिरंगा और शान से लहरा रहा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बोला कि खेल की दुनिया में हालिया कामयाबी हर युवा के लिए बड़ी प्रेरणा है। हाल ही में राष्ट्र ने चीन के हांगझोऊ में हुए एशियाई खेलों में 107 पदक जीते। पीएम ने बोला कि हिंदुस्तान में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है तथा राष्ट्र ने खेलों में कई चैंपियन तैयार किए हैं। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन गोवा में 26 अक्टूबर से 9 नवंबर तक किया जाएगा। इसमें राष्ट्र भर के 10000 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इन खेलों में कुल 43 खेल शामिल हैं जिनका आयोजन 28 स्थलों में किया जाएगा। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत सहित विशिष्ट गण मौजूद थे।
खेलों में ढांचागत विकास, नया इॅकोसिस्टम
उन्होंने बोला कि हमने 2014 के बाद महत्वपूर्ण ढांचागत विकास किया। चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। इसके अलाव वित्तीय योजनाओं में परिवर्तन किया। गवर्नमेंट ने खेलो इण्डिया से लेकर टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) तक राष्ट्र में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से एक नया इॅकोसिस्टम बनाया। बीते नौ सालों में हमने राष्ट्र के गांव-गांव से प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने का एक रोडमैप बनाया है। इसी का सुखद रिज़ल्ट हम पूरे राष्ट्र में देख रहे हैं। मोदी ने बोला कि पहले की सरकारों में खेल के बजट को लेकर संकोच का रेट रहता था। सोच यह थी कि इस पर खर्च क्यों करना है। हमने इस सोच को बदला और खेलों का बजट बढ़ाया। इस साल केंद्रीय खेल बजट नौ साल पहले की तुलना में तीन गुना अधिक है। हमने खेल की उन्नति में बाधाओं को दूर किया।
खेलो इण्डिया योजना से मिला फायदा
प्रधानमंत्री ने कहा, खेलो इण्डिया योजना के अनुसार देशभर के 3000 युवा खिलाड़ियों की ट्रेनिंग चल रही है। हर खिलाड़ी को प्रतिवर्ष छह लाख से रुपये से अधिक की स्कॉलरशिप दी जा रही है। इस अभियान से निकलने वाले करीब सवा सौ खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में हिस्सा लिया। इन खिलाड़ियों ने 36 पदक जीते। पीएम ने बोला कि बीते 30 दिनों में खेलों की दुनिया में बहुत कुछ हुआ। हिंदुस्तान ने एशियाड में सौ से अधिक पदक जीते। चालीस वर्ष बाद हिंदुस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का सत्र हुआ। उत्तराखंड को हॉकी एस्ट्रोटर्फ और वेलोड्रम मिला। वाराणसी में आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम पर काम हुआ। ग्वालियर को अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग स्पोर्ट्स सेंटर मिला। अब यहां गोवा में राष्ट्रीय खेल हो रहे हैं।
किसी भी राष्ट्र के स्पोर्ट्स सेक्टर की प्रगति का सीधा नाता, उस राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की प्रगति से भी जुड़ा होता है। राष्ट्र में निराशा हो, नकारात्मकता हो तो मैदान और जीवन के हर क्षेत्र पर इसका असर दिखता है। हिंदुस्तान की यह कामयाबी की कहानी राष्ट्र की ओवरऑल सक्सेस स्टोरी से अलग नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 30 से 35 दिनों में अपनी गवर्नमेंट के कई प्रमुख कार्यों का उल्लेख किया, जिसमें स्त्री आरक्षण विधेयक का पारित होना, गगनयान मिशन में जरूरी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा करना, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट की नमो हिंदुस्तान रेलगाड़ियों का शुभारंभ, इजराइल में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए ऑपरेशन अजय उड़ानों का संचालन शामिल हैं।