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इस दिग्गज क्रिकेटर ने 49 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

क्रिकेट जगत के लिए बुधवार 23 अगस्त की सुबह एक बुरी समाचार लेकर आई तकरीबन 12 वर्ष तक इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी गेंद और बल्ले की चमक से धूम मचाने वाले, अपनी कप्तानी से बड़ी से बड़ी टीमों को धूल चटाने वाले और इंडियन प्रीमियर लीग में भी गुजरात लायंस और केकेआर जैसी टीमों को कोचिंग देने वाले एक कद्दावर ने महज 49 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया वो नाम था जिम्बाब्वे के ऑलटाइम स्टार और पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक का, जिनका लंबे समय तक कैंसर से जंग लड़ने के बाद मृत्यु हो गया उनके साथी क्रिकेटर रहे हेनरी ओलोंगा ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी

ओलोंगा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखते हुए बोला कि, एक बुरी समाचार सुनने को मिल रही है कि हीथ स्ट्रीक ने अब यह दुनिया छोड़ दी है उन्होंने आगे लिखा RIP लीजेंड साथ ही ओलोंगा ने स्ट्रीक को जिम्बाब्वे के ऑलटाइम बेस्ट ऑलराउंडर्स में से एक भी बताया उन्होंने लिखा कि, यह मेरा सौभाग्य था कि आप के साथ खेलने का मौका मिला उन्होंने क्रिकेट के लहजे में अपने पूर्व साथी को आखिरी विदाई दी और लिखा, अब दोबारा दूसरे छोर पर मिलेंगे जब मेरा बॉलिंग स्पेल समाप्त होगा

कैसा रहा स्ट्रीक का क्रिकेट करियर?

स्ट्रीक ने 1993 में पाक के विरुद्ध कराची टेस्ट में डेब्यू किया था यहां उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था उसके बाद अपने दूसरे टेस्ट में रावलपिंडी में स्ट्रीक ने 8 विकेट लेकर क्रिकेट जगत में दस्तक दे दी थी आज उनका नाम जिम्बाब्वे के महान क्रिकेटरों में गिना जाता है साथ ही 2000 से 2004 तक जिस दौरान वह कप्तान थे उस समय जिम्बाब्वे की टीम एक घातक टीम बन गई थी जो किसी को भी हराने का दमखम रखती थी उन्होंने अपने करियर में 65 टेस्ट और 189 वनडे इंटरनेशनल मुकाबले खेले उनको नाम 216 टेस्ट और 239 वनडे विकेट दर्ज थे वह एक बहुत बढ़िया ऑलराउंडर थे और यही कारण है कि टेस्ट में 1990 और वनडे में 2943 रन भी उन्होंने बनाए उनकी एकमात्र इंटरनेशनल सेंचुरी वेस्टइंडीज के विरुद्ध हरारे टेस्ट में आई थी

हीथ स्ट्रीक ने 2005 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था इसके बाद उन्होंने काउंटी का रुख किया जैसा ज्यादातर जिम्बाब्वे के स्टार क्रिकेटर पैसों के लिए करते हैं उन्होंने वार्विकशायर के साथ दो वर्ष का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया पर 2006 में उनका यह कॉन्ट्रैक्ट उनके खराब फॉर्म के कारण समाप्त कर दिया गया फिर 2007 में वह भारतीय क्रिकेट लीग, ICL से जुड़े इसके बाद उनका इंटरनेशनल क्रिकेटर करियर मानो थम गया था उन्होंने फिर कोचिंग का रुख किया जिम्बाब्वे, स्कॉटलैंड और बांग्लादेश जैसी इंटरनेशनल टीमों के साथ वह रहे साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग में भी उन्होंने गुजरात लायंस और कोलकाता नाइट राइडर्स का प्रशिक्षण किया

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