उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से रामकथा का कथा पार्क में किया गया है आयोजन

अयोध्या में सरयू तीरे रामकथा के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम सोमवार से प्रारम्भ हो गए यूपी संस्कृति विभाग की ओर से रामकथा कथा पार्क में इसका आयोजन किया गया है इसमें मशहूर कथाकार चिन्मयानंद बापू ने ईश्वर राम की लीलाओं का बखान किया पहले दिन उन्होंने बोला कि रामचरितमानस कल्पवृक्ष है, जिसके सान्निध्य में बैठने पर आदमी की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ईश्वर राम का जीवन एक आदर्श है, जिससे संसार के प्रत्येक मनुष्य को शिक्षा लेनी चाहिए संसार के समस्त संबंध किस तरह निभाएं जाएं, यह हमें ईश्वर श्रीराम के जीवन चरित्र से सीखना चाहिए

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से धार्मिक आयोजनों की आरंभ 16 जनवरी से प्रस्तावित है इससे पहले संस्कृत विभाग ने रामकथा के माध्यम से पूरे नगर में भक्ति का माहौल बनाना प्रारम्भ कर दिया है 14 जनवरी के बाद कई अन्य कथाकार जैसे राजेश्वरानंद, जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य, देवकीनंदन ठाकुर, साध्वी ऋतंभरा, कृष्ण चंद्र शास्त्री आदि क्रमवार 24 मार्च तक कथा की अमृत वर्षा करेंगे इसी के साथ कई अन्य आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई है रामधाम में जगह-जगह देश-विदेश के कलाकारों द्वारा रामायण के मंचन का कार्यक्रम है श्रीलंका, थाइलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल, कंबोडिया के विदेशी कलाकारों के अतिरिक्त केरल, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, हरियाणा, कर्नाटक, लद्दाख, उत्तराखंड के कलाकार रामायण का मंचन करेंगे

गज दर्शन, गौ-दान की होगी प्रक्रिया
आचार्य श्रीशरण बताते हैं कि दिन के 24 घंटे में रात्रि दस से भोर में छह बजे तक ईश्वर के विश्राम/ शयन की अवधि होगी इसके बीच में 16 घंटे में अष्टयाम सेवा प्रति दो-दो घंटे के लिहाज से विभाजित की गई है इसी बीच ईश्वर की छह आरतियों का विधान किया गया है अभी विराजमान रामलला की चार बार आरती की जाती है, जिनमें से तीन आरती के दौरान रामलला का दर्शन भी श्रद्धालुओं को मिलता है उन्होंने कहा कि छह आरतियों में सुप्रभातम के गान से ईश्वर को जगाया जाएगा इसके बाद गज-दर्शन और गौ-दान कराया जाएगा फिर बाल भोग के साथ उनकी मंगला आरती होगी इसके अनंतर ईश्वर का अभिषेक कर उनका शृंगार कर शृंगार आरती की जाएगी

मूर्ति निर्माण स्थल से होगा पूजन का आरंभ
राम लला की मूर्ति का जिस कुटिया में निर्माण किया गया 16 जनवरी को पूजन का प्रारंभ इसी कर्म कुटी से होगा इसके बाद मूर्ति का निर्माण करने वाले शिल्पी का प्रायश्चित पूजन होगा विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि 17 जनवरी को श्री विग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा

Related Articles

Back to top button