उत्तर प्रदेश

चार द्वारों पर वेद मूर्तियों की प्रतिष्ठा को लेकर की पांच दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से होगा फिर भी जगह के शुद्धिकरण और यज्ञमंडप के चतुर्वेद के प्रतीक चार द्वारों पर वेद मूर्तियों की प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार से पांच दिवसीय अनुष्ठान की आरंभ हो गया इसके अन्तर्गत शुक्ल यजुर्वेद का पारायण वैदिक आचार्यों ने किया यह पारायण 15 जनवरी तक चलेगा पुनः 16 जनवरी को कलश स्थापना एवं प्रायश्चित पूजन के साथ वकायदा प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान प्रारम्भ होगा इसके पहले यहां सवा सौ वैदिक आचार्य नेपाल समेत विभिन्न प्रदेशों से यहां मंगलवार को पहुंचे थे और उन्होंने अनुष्ठान का शुरुआत किया

प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान से जुड़े यज्ञाचार्य अरुण कुमार दीक्षित ने कहा कि यज्ञ मंडप के चार द्वार पूरब ऋग्वेद, पश्चिम सामवेद, दक्षिण यजुर्वेद एवं उत्तर अथर्ववेद का अगुवाई करते हैं उन्होंने कहा कि अनुष्ठान के आरम्भ में वेद मूर्तियों को स्थापित कर उनका पूजन किया जाता है इसी तरह यज्ञ मंडप के ऊपर लगाई जाने वाली पताकाओं के भी पूजन की परम्परा है

मध्य वेदी के चारों ओर स्तम्भों में भी एक-एक देवता का आह्वान किया जाता है उन्होंने कहा कि भिन्न-भिन्न कोण के स्तम्भों में भिन्न-भिन्न देवताओं का जगह नियत है इनमें प्रथम ब्रह्मा, द्वितीय विष्णु, तृतीय रुद्र, चतुर्थ इंद्र, पंचम सूर्य, षष्ठम गणपति, सप्तम यम, अष्टम नागराज, नवम स्कंद, दशम वायु, एकादश वरुण, द्वादश अष्टवसु, त्रयोदश धनद, चतुर्दश वृहस्पति और पंचदशी विश्वकर्मा शामिल हैं कहा गया कि यह देवता यज्ञ कुंड में अग्निदेव का संरक्षण कर अनुष्ठान की कामयाबी में सहयोग देते हैं

श्रीरामजन्म भूमि परिसर में 22 नवंबर से अनवरत चल रहा हवन
राम मंदिर निर्माण में विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए श्रीरामजन्म भूमि के प्रवेश द्वार के निकट अनवरत अनुष्ठान का क्रम पहले से चल रहा है इस अनुष्ठान के लिए यहां हर हफ्ते भिन्न-भिन्न राज्यों के वैदिक आचार्य गण आते हैं कारसेवकपुरम स्थित वेद विद्यालय के प्रिंसिपल इंद्रदेव मिश्र और अन्य आचार्यों के निर्देशन में चल रहे इस अनुष्ठान में भी चतुर्वेदों का पारायण और दशांश हवन का कार्यक्रम रोजाना चल रहा है इसी कड़ी में बुधवार को भी अनुष्ठान जारी रहा

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